Jammu: अखनूर कमेटी चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले आठ में से दो ने बदला पैंतरा

बुधवार को पार्षद करण सिंह बलदेव राज राकेश मल्होत्रा दीपक मनी कुलदीप राज रश्मि कुमारी शिल्पा महाजन और राकेश मल्होत्रा ने चेयरमैन सुरेंद्र शर्मा के खिलाफ अविश्वास पत्र कमेटी के ईओ रजत अबरोल को सौंपा था। ईओ ने उस पत्र को स्वीकार कर लिया था

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:45 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:45 PM (IST)
Jammu: अखनूर कमेटी चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले आठ में से दो ने बदला पैंतरा
अखनूर म्यूनिसिपल कमेटी के चेयरमैन का पद विवादों में ही रहा है।

अखनूर, संवाद सहयोगी। म्यूनिसिपल कमेटी अखनूर के चेयरमैन सुरेंद्र शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले आठ में से दो पार्षदों ने अपना पैंतरा बदल दिया है। इन दोनों पार्षदों बलदेव राज और कुलदीप राज ने वीरवार को सुरेंद्र शर्मा को अपना समर्थन देते हुए पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं और इन दो पार्षदों के समर्थन से अब चेयरमैन के पास सात वोट हो गए हैं जबकि पद पर बने रहने के लिए चेयरमैन को सात वोट ही चाहिए।

इससे पहले बुधवार को पार्षद करण सिंह, बलदेव राज, राकेश मल्होत्रा, दीपक मनी, कुलदीप राज, रश्मि कुमारी, शिल्पा महाजन और राकेश मल्होत्रा ने चेयरमैन सुरेंद्र शर्मा के खिलाफ अविश्वास पत्र कमेटी के ईओ रजत अबरोल को सौंपा था। ईओ ने उस पत्र को स्वीकार कर लिया था जबकि उनके अविश्वास प्रस्ताव के चलते चेयरमैन सुरेंद्र शर्मा आैर वाइस चेयरमैन अमिता शर्मा को हटाए जाने की सरगर्मियां तेज हो गई थीं।

उधर वीरवार को कमेटी चेयरमैन ने एक पत्र जारी कर बताया कि कमेटी के सदस्य एक साथ हैं। वह सबको साथ लेकर चलते हैं। जल्द ही पार्षदों की बैठक बुलाकर कमेटी के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। वहीं चेयरमैन के साथ खड़े पार्षदों ने साफ किया कि वे अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ खड़े हैं। सुरेंद्र शर्मा के पक्ष में आए पार्षदों में संजय सराफ, अमिता गुप्ता, कुलदीप राज, खेमा देवी, बलदेव राज, कुलदीप राज शामिल हैं। 13 सदस्यीय म्यूनिसिपल कमेटी अखनूर में सभी पार्षद भाजपा के हैं। चुनाव में दो पार्षद कांग्र्रेस के विजयी जरूर हुए थे लेकिन बाद में वे भी भाजपा में शामिल हो गए थे। तेरह में से सात सदस्य मिलकर चेयरमैन व वाइस चेयरमैन का चुनाव करते हैं।

अखनूर म्यूनिसिपल कमेटी के चेयरमैन का पद विवादों में ही रहा है। कमेटी में एक वर्ष एक वर्ष के लिए चेयरमैन व वाइस चेयरमैन को बनाने का फैसला हुआ था। पहले वर्ष दीपेश सिंह को चेयरमैन बनाया गया था जबकि उन्हें भी पद से हटाने समय विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी। दीपेश सिंह के बाद सुरेंद्र शर्मा को चेयरमैन बनाया गया था। 

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