TS Wazir Murder Case : आरोपित हरमीत का कबूलनामा इंटरनेट मीडिया पर वायरल, परिवारजनों ने बताया झूठ

TS Wazir Murder Case पूर्व एमएलसी ने कहा कि अब हमारी मुंबई के डॉन से दिल्ली में बात हुई है। मेरे साथ नलवा और अजीत भी शामिल थे। दो करोड़ एडवांस भी दे दिया है। सुदर्शन समेत तेरे को (हरमीत) और तेरे बेटे को जल्द खत्म कर दिया जाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 01:14 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 03:00 PM (IST)
TS Wazir Murder Case : आरोपित हरमीत का कबूलनामा इंटरनेट मीडिया पर वायरल, परिवारजनों ने बताया झूठ
हरमीत ने पूरी साजिश का खुलासा करते हुए अंत में लिखा है कि वजीर की हत्या उसने की है।

जम्मू, जेएनएन: नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व एमएलसी व जम्मू के प्रमुख ट्रांसपोर्टर त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। पुलिस हत्या के जिन दो आरोपितों हरमीत और हरप्रीत सिंह की तलाश कर रही है। उनमें से एक हरमीत सिंह पुत्र करतार सिंह निवासी नानक नगर द्वारा लिखा गया हत्या का कबूलनामा इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उसने यह कबूल किया है कि उसी ने वजीर के सिर पर गोली मारकर उसकी हत्या की है। वहीं जम्मू पुलिस का कहना है कि हत्या की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है, इसीलिए उन्होंने यह पत्र दिल्ली पुलिस को भेज दिया है। इसमें कितनी सच्चाई है, इसका पता अब दिल्ली पुलिस ही लगाएगी। वही शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यह खुलासा हुआ है कि त्रिलोचन सिंह की हत्या सिर में गोली मारकर की गई थी।

इंटरनेट मीडिया पर वॉयरल हो रहे पत्र में क्या लिखा गया है, हम आपको इस बारे में बताते हैं। पत्र लिखने वाले हरमीत ने लिखा है कि कनाडा जाने से एक दिन पहले वजीर हरप्रीत के रमेश नगर स्थित फ्लेट में पहुंच गया था। मैं वहां पहले से रह रहा था। वजीर के आने के बाद हरप्रीत ने मुझे होटल चले जाने के लिए कहा। मैंने बात मान ली और मैं होटल चला गया। मेरा कुछ सामान हरप्रीत के घर रह गया था। जब मैं वह लेने के लिए वापस आया तो मुख्य दरवाजा पहले से ही खुला हुआ था। जैसे ही मैंने भीतर प्रवेश किया वजीर हरप्रीत से बात कर रहा था कि अजीत ने सुदर्शन वजीर, हरमीत और उसके बेटे को खत्म करने करने के लिए चार करोड़ में डील करवा दी है। दो करोड़ एडवांस भी दे दिया है।

इस पर हरप्रीत ने कहा कि सुदर्शन का तो पता नहीं पर हरमीत तो आपके दोस्त हैं। इस पर वजीर ने कहा कि हरमीत उसके खिलाफ चलता है।यह सुनकर मुझे गुस्सा आ गया और मैंने भीतर जाते ही वजीर से जब इस बारे में पूछा तो उसने मुझे काफी कुछ बोला। हम दोनों में बहसबाजी शुरू हो गई। इस पर मनप्रीत ने बीच-बचाव करते हुए हमें चुप कराया और खुद लड़के के साथ ठंडा लेने के लिए बाजार चला गया। उसके जाते ही वजीर और मेरे बीच फिर से बहसबाजी शुरू हो गई। वजीर ने कहा कि मैंने ही चोपड़ा परिवार काे मरवाया, बिल्ला समेत डिग्याना के तीन लड़के मरवा दिए, पप्पी सिंबल वाले को भी मैंने ही मरवाया। आज तक मैंन सौ के करीब लोगों को मार दिया है। अब हमारी मुंबई के डॉन से दिल्ली में बात हुई है। मेरे साथ नलवा और अजीत भी शामिल थे। दो करोड़ एडवांस भी दे दिया है। सुदर्शन समेत तेरे को (हरमीत) और तेरे बेटे को जल्द खत्म कर दिया जाएगा।

हरमीत ने कहा कि यह सुनकर मेरा गुस्सा भड़क गया। मुझे पहले भी मेरे कई दोस्त इस बारे में आगाह कर चुके थे। इसीलिए मैं अपने साथ अपनी सुरक्षा के लिए रिवाल्वर रखता हूंं। मैंने रिवाल्वर निकाला और वजीर के सिर पर गोली मार दी। जब हरप्रीत वापस आया तो वह यह देखकर रोने लगा। तब मैंने उसे समझाया और उससे कहा कि अगर वह मेरा साथ नहीं देगा तो जेल में जाएगा। उसकेे बाद हमने लाश को बाथरूम में रखा। परिवार से बातचीत होने तक हम दिल्ली में ही रहे। उसके बाद हमने वजीर का फोन बंद कर दिया।

हमने तय किया कि हम पुलिस केे पाए जाएंगे। इससे पहले हरप्रीत ने अपने घर वालों से मिलने की बात जाहिर की। वह उनसे मिलने गया और दो दिन बाद वापस लौट आया। मैंने मनप्रीत को कहा कि मैंने यहां सब सेटिंग कर ली है। कदम उठाने से मुझे परिवारवालों से मिलना है। मैं अपने परिवार से मिलने गया और दिल्ली वापसी की टिकट भी मुझे हरप्रीत ने की हरवा कर दी। उसके बाद हम पंजाब आ गए। हमने दरबार साहिब में माथा भी टैका।

छह पेजों के इस पत्र में हरमीत ने पूरी साजिश का खुलासा करत हुए अंत में लिखा है कि वजीर की हत्या उसने की है। इसमें हरप्रीत या फिर उसके परिवार का कोई हाथ नहीं है। अब वह आत्महत्या करने जा रहा है। परंतु इसमें यह खुलावा नहीं किया गया है कि हरप्रीत इस समय कहां है।

इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा यह पत्र जब पुलिस के हाथ लगा तो अधिकारियों ने इसकी सच्चाई सामने लाने के लिए इसे दिल्ली पुलिस को दे दिया। वहीं हरमीत के पारिवारिक सूत्रों ने भी इंटरनेट मीडिया पर वॉयरल हो रहे इस पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि यह सब झूठ है।

सच तो यह है कि हरमीत को हिन्दी लिखना नहीं आती। वह पंजाबी जानते थे। इसके अलावा जब वह पढ़ना जानते थे तो अंगूठों के निशान लगाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। पुलिस को सच्चाई से दूर करने के लिए यह साजिश रची जा रही है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। 

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