VaishnoDevi Yatra : धुंध के आगोश में त्रिकुआ पर्वत, वैष्णो देवी के लिए हेलीकाप्टर सेवा फिर बाधित

पूरा त्रकुटा पर्वत धुंध के आगोश में है। इसकी वजह से कटड़ा से सांझी छत तक श्रद्धालुओं के लिए चलने वाली हेलीकाप्टर सेेवा बाधित हो गई। हालांकि मौसम सुहाना होने की वजह से पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी राहत मिली हुई है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 01:57 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 01:57 PM (IST)
VaishnoDevi Yatra : धुंध के आगोश में त्रिकुआ पर्वत, वैष्णो देवी के लिए हेलीकाप्टर सेवा फिर बाधित
कटड़ा से सांझी छत तक श्रद्धालुओं के लिए चलने वाली हेलीकाप्टर सेेवा बाधित हो गई।

कटड़ा, संवाद सहयोगी : एक दिन की राहत के बाद धर्मनगरी कटड़ा और वैष्णो माता की त्रिकुटा पहाड़ी पर मौसम फिर बदल गया। पूरा त्रकुटा पर्वत धुंध के आगोश में है। इसकी वजह से कटड़ा से सांझी छत तक श्रद्धालुओं के लिए चलने वाली हेलीकाप्टर सेेवा बाधित हो गई। हालांकि मौसम सुहाना होने की वजह से पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी राहत मिली हुई है। धुंध और बादलों के बीच श्रद्धालु तस्वीर खींच कर उस पल को यादगार बना रहे हैं। हालांकि बारिश होने की वजह से बैटरी कार वाले मार्ग पर भूस्खलन का खतरा भी रहता है। इसके लिए श्राइन बोर्ड की ओर से चौकसी बरती जा रही है।

बुधवार की सुबह से ही मौसम पल-पल बदल रहा है। क्योंकि एक ओर जहां सुबह घनी धुंध के बीच श्रद्धालु लगातार उत्साह से भवन की ओर प्रस्थान करते रहे तो दूसरी ओर दोपहर को एकाएक रिमझिम बारिश भी शुरू हो गई जो करीब दो घंटे तक जारी रही, जिसके चलते भवन की ओर प्रस्थान कर चुके श्रद्धालुओं को मजबूरन मार्ग पर बने शेडों में आसरा लेना पड़ा। जैसे ही बारिश रुकी, उसके उपरांत श्रद्धालु फिर जयकारे लगाते हुए भवन की ओर प्रस्थान करते रहे। अधिकांश समय आसमान में और मां वैष्णो देवी के त्रिकुटा पर्वत पर घने बादलों का जमघट लगा ही रहा। इससे हेलीकॉप्टरों की उड़ान बाधित रही।

हेलीकाप्टर की टिकट बुक करा चुके श्रद्धालुओं को मजबूरन घोड़ा-पिट्ठू अथवा पालकी का सहारा लेना पड़ा। इस बीच मां वैष्णो देवी मार्ग पर चलने वाली बैटरी कार सेवा और मां वैष्णो देवी भवन तथा भैरव घाटी के मध्य चलने वाली पैसेंजर केबल कार सेवा पूरी तरह से सुचारु है। श्रद्धालुओं का उत्साह बना हुआ है। कटड़ा से भवन तक श्रद्धालुओं की चहल-पहल है। मंगलवार को करीब 15 हजार श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में हाजिरी लगाई। जबकि बुधवार दोपहर बाद दो बजे तक करीब सात हजार लोग भवन की ओर प्रस्थान कर चुके थे।

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