Jammu Kashmir: जनजातीय समुदाय के हॉस्टलों का होगा आधुनिकीकरण, करियर काउंसलिंग सेंटर से होंगे लैस

अनुसूचित जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों के लिए हर जिले में हॉस्टलों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। हॉस्टलों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होगी। जनजातीय समुदाय मामलों के विभाग के सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने समुदाय के विद्यार्थियों को हॉस्टलों में बेहतर सुविधाएं देने का रोडमैप बनाया है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 04:19 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 04:20 PM (IST)
Jammu Kashmir: जनजातीय समुदाय के हॉस्टलों का होगा आधुनिकीकरण, करियर काउंसलिंग सेंटर से होंगे लैस
सभी विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास के कोर्स अनिवार्य किए जाएंगे।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। अनुसूचित जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों के लिए हर जिले में हॉस्टलों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। हॉस्टलों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होगी। सभी विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास के कोर्स अनिवार्य किए जाएंगे। जनजातीय समुदाय मामलों के विभाग के सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने समुदाय के विद्यार्थियों को हॉस्टलों में बेहतर सुविधाएं देने का रोडमैप बनाया है।

विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में चौधरी ने कहा कि हाॅस्टलों में विद्यार्थियों को बेहतर ढांचागत सुविधाएं हासिल होगी। हर हॉस्टल में करियर काउंसलिंग सेंटर होगा। इन सेंटरों में हर महीने चार पांच सत्र होंगे जिनमें विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा की परीक्षाओं व अन्य अहम संबंधी जानकारियां दी जाएगी। इसके लिए अलग से बजट उपलब्ध करवाया जाएगा। जिमनेजियम और स्पोर्ट्स क्लब बनाए जाएंगे। डिजीटल लाइब्रेरियां बनाई जाएगी जिनमें आन लाइन व ऑफलाइन पुस्तकें उपलब्ध करवाने की व्यवस्था होगी। हर हॉस्टल में स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किए जाएंगे।

जम्मू व श्रीनगर के एक-एक स्टेट आफ आर्ट स्टूडियो स्थापित होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि जम्मू कश्मीर बोर्ड आफ स्कूल एजूकेशन के छठी से लेकर बारहवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को डिजीटल किया जाए। स्कूल बैग की जगह टेबलेट दिए जाएं। उन्होंने हॉस्टलों में खाने का मीनू और वर्दियां में बेहतरी लाई जाए। इस समय प्रति दिन एक सौ रुपये खाने और 2200 वर्दियां प्रति साल के दिए जाते है। आधुनिकीकरण के रोडमैप में सीसीटीवी कैमरे, बायोमैट्रिक हाजिरी, वाटर प्यूरीफाइर, हीटिग, पावर बैक प्रबंध आदि शामिल हैं। विभाग आधुनिकीकरण पर 15 करोड़ रुपये खर्च करेगा। अप्रैल 2021 से सभी हॉस्टलों का प्रबंधन जनजाति विभाग के पास आ गया है। पहले जनजातीय सलाहकार बोर्ड के पास था।

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