कश्मीर में देश विरोधी तत्वों से लड़े थे टिका लाल टपलू, भाजपा ने 31वें शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि देकर किया याद

जम्मू में प्रदेश भाजपा मुख्यालय में कश्मीर विस्थापित इकाई की ओर से आयोजित कार्यक्रम में टिका लाल टपलू व पिछले तीस सालों के दौरान आतंकवादियों के हमलों का शिकार हुए कश्मीरी पंडिताें के साथ आतंकवादियों द्वारा किए गए नरसंहारों में शहीदा होने वाले लोगों को भी श्रद्धाांजलि दी गई।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 05:56 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 08:37 PM (IST)
कश्मीर में देश विरोधी तत्वों से लड़े थे टिका लाल टपलू, भाजपा ने 31वें शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि देकर किया याद
राष्ट्रवाद को मजबूत करने के लिए समर्पित टिका लाल टपलू को आतंकवादियों ने 13 सितंबर 1989 में शहीद कर दिया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। आतंकियों की गोलियों का शिकार एडवोकेट टिका लाल टपलू को सोमवार उनके 31वें शहीदी दिवस पर प्रदेश भाजपा ने भावभीनी श्रद्धांजलि देकर याद किया।कश्मीर में राष्ट्रवाद को मजबूत करने के लिए समर्पित टिका लाल टपलू को आतंकवादियों ने 13 सितंबर 1989 में शहीद कर दिया था। यह हमला घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन करवाने के लिए किया गया था।

सोमवार को टिका लाल के 31वें शहीदों दिवस पर प्रदेश भाजपा के साथ कश्मीर पंडितों ने भी कार्यक्रमों का आयोजन कर उनकी शहादत को याद किया। जम्मू में प्रदेश भाजपा मुख्यालय में कश्मीर विस्थापित इकाई की ओर से आयोजित कार्यक्रम में टिका लाल टपलू व पिछले तीस सालों के दौरान आतंकवादियों के हमलों का शिकार हुए कश्मीरी पंडिताें के साथ वंधामा, छटीसिंह पोरा, डोडा, किश्तवाड़ व राजौरी जिलों में आतंकवादियों द्वारा किए गए नरसंहारों में शहीदा होने वाले लोगों को भी श्रद्धाांजलि दी गई।

संगठन महामंत्री अशोक कौल की देखरेख में हुए इस कार्यक्रम में पूर्व उपमुख्यमंत्री डा निर्मल सिंह, कविन्द्र गुप्ता, उप प्रधान स विरेन्द्रजीत सिंह, युद्धवीर सेठी व पार्टी के वरिष्ठ नेता अरविंद गुप्ता, प्रभात सिंह, अजय भारती, सुरेन्द्र अंबरदार व चांद जी भट्ट आदि माैजूद थे। इस मौके पर विचार व्यक्त करते हुए अशोक काैल ने कहा कि भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे टिका लाल ने कभी अपने सिद्धांताें के साथ समझौता नही किया। वह एक अच्छे वकील के साथ एक अच्छे वक्ता भी थे। वहीं डा निर्मल सिंह ने कहा कि उनकी शहादत को कभी भुलाया नही जा सकता है। वह कश्मीर के एक बड़े नेता थे जिनमें कश्मीर के सभी समुदायों के लोग विश्वास रखते थे।

वहीं चांद जी भट्ट व सुरेन्द्र अंबरदार ने कहा कि आतंकवादियों ने 13 सितंबर 1989 में टिका लाल पर हमला कर कश्मीर में विश्वास, भाइचारे व क्षेत्र की स्मृद्ध संस्कृति की हत्या की थी। टिका लाल के निधन का दुख पूरे कश्मीर में मनाया गया था। उनके अंतिम संस्कार में लाल कृष्ण आडवानी व केदार नाथ साहनी जैसे दिग्गज आए थे।कार्यक्रम में जेएल पंडिता, चमन लाल पंडिता, स्वीटी कौल, विमल रैना, एचके राजदान, राजीव पंडिता, राकेश साधु, विनीत रैना, भूषण लाल रैना, रूप कृष्ण कौल, हीरा लाल भट्ट, नाना जी रैना, डाली रैना व राकेश कौल आदि शामिल थे।

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