फलस्तीन के नाम पर कश्मीर में हालात बिगाड़ने वालों की खैर नहीं, सख्ती से निपटा जाएगा

घाटी में सुधरते हालात को बिगाड़ने के लिए अलगाववादियों और आतंकियों के समर्थकों ने अब फलस्तीन के समर्थन की आड़ में अपनी साजिश शुरु कर दी है। पुलिस ने इसे नाकाम बनाने के लिए कार्रवाई शुरु कर दी है

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 05:20 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 07:16 PM (IST)
फलस्तीन के नाम पर कश्मीर में हालात बिगाड़ने वालों की खैर नहीं, सख्ती से निपटा जाएगा
अगर सोशल मीडिया पर कोई भड़काऊ बात करेगा तो उसकी खैर नहीं, उससे सख्ती से निपटा जाएगा।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। घाटी में सुधरते हालात को बिगाड़ने के लिए अलगाववादियों और आतंकियों के समर्थकों ने अब फलस्तीन के समर्थन की आड़ में अपनी साजिश शुरु कर दी है। पुलिस ने इसे नाकाम बनाने के लिए कार्रवाई शुरु कर दी है और बीते 24 घंटों में कश्मीर घाटी से करीब एक दर्जन लोगों को कथित तौर पर हिरासत में लिया गया है। इस बीच, आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा है कि फलस्तीन के हालात के नाम पर कश्मीर में माहौल खराब करने की फिराक में बैठे तत्वों की लगातार निगरानी की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि घाटी में बीते वीरवार और शुक्रवार को कई जगह लोगों ने इजरायल के खिलाफ जुलूस निकाले और उसका ध्वज भी जलाया। श्रीनगर में कई जगह इजरायल के खिलाफ और फलस्तीन के समर्थन में दीवारों पर नारे भी लिखे गए और पोस्टर चिपकाए गए थे। इन पोस्टरों में कई ऐसी भड़काऊ बातें लिखी हुई थी जो घाटी में सांप्रदायिक तनाव के साथ साथ कानून व्यवस्था का संकट भी पैदा कर सकती थी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन पोस्टरों व नारों को हटवाया था। इसके अलावा पुलिस ने श्रीनगर के पादशाही बाग व अन्य इलाकों में हिंसक प्रदर्शनों के आयाेजन में शामिल करीब एक दर्जन लोगों को भी कथित तौर पर हिरासत में लिया है।

आइजीपी कश्मीर के विजय कुमार ने हालांकि किसी को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि हम किसी को भी हालात बिगाड़ने का मौका नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस उन सभी तत्वों की लगातार निगरानी कर रही है जो फलस्तीन-इजरायल में जारी तनाव का फायदा उठाकर कश्मीर में हालात बिगाड़ने का मौका तलाश रहे हैं। यह तत्व चाहते हैं कि किसी तरह से यहां हिंसक प्रदर्शनों का सिलसिला शुरु हो और इसके लिए यह लोगों को कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन कर फलस्तीन के समर्थन में उग्र प्रदर्शनों के लिए उकसा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि फलस्तीन के ताजा हालात पर हम स्थानीय लोगों के गुस्से को अच्छी तरह समझते हैं, लेकिन हम किसी को कानून व्यवस्था बिगाड़ने की इजाजत नहीं दे सकते। कानून व्यवस्था बनाए रखना हमारी पहली जिम्मेदारी है। हरेक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन हिंसा और उन्माद को भड़काना गैर कानूनी है। सोशल मीडिया पर जो भी लोग गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करते हुए लोगों को फलस्तीन के नाम पर भड़का, कानून व्यवस्था भंग करने, कोविड-19 प्राेटोकाल तोड़ हिंसक प्रदर्शनों क लिए उकसा रहे हैं, हमारी निगरानी में हैं।ऐसे तत्वों के खिलाफ हम संबंधित कानून के तहत कार्रवाई करेंगे।

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