Jammu: कोरोना से कामधंधा बंद हुआ तो मदद को आगे आई थर्ड आई एंटी क्राइम टीम
मैंने एक व्यहाट्स ग्रुप भी बनाया जिसमें वह लड़की की शादी के लिए संदेश देते तो लोग उनको मदद देने लगे। उन्हें जितनी व जिससे भी मदद मिलती है वह उसका पूरा ब्यौरा व मदद के खर्च का हिसाब ग्रुप में डाल देते हैं।
जम्मू, सुरेंद्र सिंह: जिस समय कोरोना महामारी अपने चरम पर थी और लोग अपने घरों से बाहर निकलने से भी डरते थे, उस समय एक योद्धा ऐसा भी मैदान में उतरा जो इस महामारी और उन लोगों के बीच दीवार बन खड़ा हो गया जिनके पास न तो कोरोना से बचने का कोई साधन था और न ही उनके पास घर में बैठ कर खाने का कोई बंदोबस्त। वह योद्धा था थर्ड आई एंटी क्राइम टीम का चेयरमैन शाम लाल गुप्ता जिसने इस लड़ाई को न सिर्फ खुद लड़ा बल्कि अपने दो बेटों को भी इस मैदान में उतार दिया।
शाम लाल गुप्ता का कहना है कि जिस समय कोरोना महामारी शुरू हुई तो वह भी अपना काम धंधा बंद कर घर में बैठ गए। कुछ दिन बाद उन्हें पता लगने लगा कि कई लोग ऐसे भी हैं जो दिहाड़ी लगाकर कमाते थे लेकिन काम धंधा बंद होने के कारण उनके घर के चूल्हे भी बंद हो रहे हैं। उनके सामने खाने तक के लाले पड़ रहे हैं। यह देख उन्होंने पहले जरूरतमंद लोगों में राशन बांटने का काम शुरू किया। वे अपने दोनों बेटों साहिल और साहिब व अपनी टीम के कुछ सदस्यों के साथ गांव गांव में जाते और वहां राशन बांटते। उस दौरान उन्हें महसूस हुआ कि राशन बांटने से भी ज्यादा जरूरी है इस महामारी को इन ग्रामीण क्षेत्रों में फैलने से रोकना क्योंकि ग्रामीण इलाके में अगर किसी को कोरोना हो गया तो उसके घर में इतनी जगह भी नहीं है कि उसे अलग से क्वारंटाइन किया जा सके। ऐसे में यह महामारी बहुत तेजी से फैलेगी।
यही सोच कर शाम लाल गुप्ता ने पहले स्प्रे पंप खरीदे और केमिकल का बंदोबस्त कर उन्होंने ग्रामीण इलाकों को सेनिटाइज करना शुरू कर दिया। इसके बाद वे जिस भी गांव में राशन बांटने जाते, वहां उनकी टीम के सदस्य सेनिटाइज का काम भी शुरू कर देते। शाम लाल का कहना है कि शहरों व कस्बों में तो नगर निगम व नगर पालिकाएं सेनिटाइज कर देती थीं लेकिन ग्रामीण इलाके रह जाते थे। ऐसे में उन्होंने उन्हीं इलाकों को सेनिटाइज करना शुरू कर दिया जहां लोग इससे मरहूम रह रहे थे।
उन्होंने बाद में कुछ और पंप खरीदे व वालंटियर्स के साथ कुछ युवाओें को पैसे देकर सेनिटाइज के काम तेज कियाप् सीमावर्ती अरनिया व बिश्नाह का शायद ही कोई ऐसा गांव होगा, यहां उनकी टीम सेनिटाइज व राशन बांटने के लिए न पहुंची हो। एक समय तो ऐसा भी आया भी जब लोग उनकी टीम को देख फूल तक बरसाते थे। शाम लाल का कहना है कि अभी भी उनकी कोरोना के साथ लड़ाई जारी है। उनका सैनिटाइजर व राशन बांटने का अभियान अब भी जारी है।
साउथ कोरिया से मिली थी समाज सेवा की प्रेरणा: शाम लाल गुप्ता को समाज सेवा की प्रेरणा साउथ कोरिया से मिली थी जहां वे काम करने के लिए गए थे। शाम लाल गुप्ता ने बताया कि साउथ कोरिया में रहते हुए उन्हें एक संस्था के साथ काम करने का मौका मिलाउ जो वहां जरूरतमंद लोगों की मदद करती थी। एक दिन उन्हें ख्याल आया कि हमारे अपने देश में भी कई ऐसे लोग हैं जो यहां से ज्यादा जरूरतमंद हैं। उन्होंने इसके बाद साउथ कोरिया को छोड़ भारत वापस आने का मन बना लिया। उनके इस निर्णय को कई लोगों जिनमें अपने रिश्तेदार भी शामिल हैं, ने गलत बताया लेकिन वह अपना मन बना चुके थे। मैं वापस अपने देश आया और संस्था थर्ड आई एंटी क्राइम टीम बना ली।
जरूरतमंद लड़कियों की शादी करवाने से शुरू की समाज सेवा: शाम लाल गुप्ता ने बताया कि भारत वापस आने के बाद उन्होंने जरूरतमंद लड़कियों की शादी करवाना शुरू किया। इसमें उन्हें अपने दोस्तों, रिश्तेदारों का भी सहयोग मिलता गया। उन्हें जब किसी लड़की शादी करवानी होती तो वह अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को मदद के लिए संदेश भेजते। इसके बाद जिससे जो बन पाता, वो मदद कर देते। बाद में मैंने एक व्यहाट्स ग्रुप भी बनाया जिसमें वह लड़की की शादी के लिए संदेश देते तो लोग उनको मदद देने लगे। उन्हें जितनी व जिससे भी मदद मिलती है, वह उसका पूरा ब्यौरा व मदद के खर्च का हिसाब ग्रुप में डाल देते हैं।