सिफारिशें फाइनल करने में जुटा है परिसीमन आयोग, अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित करने का भी प्रावधान
आयोग का कार्यकाल मार्च 2022 तक है। जम्मू में आल जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के कार्यालय का उद्धाटन करने के बाद पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून और परिसीमन कानून के तहत परिसीमन होगा। परिसीमन आयोग ने दौरा भी किया था।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : राज्य चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में परिसीमन के लिए परिसीमन आयोग अपना कार्य कर रहा है। इस बार अनुसूचित जनजाति के लिए सीटें आरक्षित करने का भी प्रावधान है। आयोग का कार्यकाल मार्च 2022 तक है। जम्मू में आल जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के कार्यालय का उद्धाटन करने के बाद पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून और परिसीमन कानून के तहत परिसीमन होगा। परिसीमन आयोग ने दौरा भी किया था।
परिसीमन आयोग अपनी कार्यकाल की अवधि को ध्यान में रखकर ही काम कर रहा है। जो जानकारी परिसीमन आयोग को चाहिए, उसने कार्यालय ने इकट्ठी की है। कैसे-कैसे जिलों में विधानसभा क्षेत्र बनेंगे, कैसे एससी के लिए सीटें आरक्षित होगी। इस बार एसटी का भी प्रावधान है। इन सब पर काम चल रहा है। जब आयोग जम्मू कश्मीर के दौरे पर आया था तो विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए थे। जब आयोग अपनी सिफारिशें कानून के तहत फाइनल करेगा। पहले भी भारत में परिसीमन आयोग काम करते रहे हैं। आयोग का कार्यकाल मार्च 2022 तक है और इस अवधि के तहत ही सिफारिशें फाइनल होगी।
इससे पहले कार्यक्रम में शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को जमीनी सतह पर मजबूत करने में पंचायतों की भूमिका अहम है। पंचायत प्रतिनिधियों को निष्ठा से काम करते हएु लोगों के कल्याण के लिए काम करने चाहिए। उन्होंने जन हित के मुद्दों को उठाकर समाधान करवाने के लिए पंचायत कांफ्रेंस की सराहना की। आल जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के प्रधान अनिल शर्मा ने कहा कि पंचायत कांफ्रेंस पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए अपने प्रयास जारी रखे हुए है। पंचायतों से जमीनी सतह पर विकास को मजबूती मिली है। कार्यक्रम में जिला विकास परिषद, ब्लाक विकास परिषद, सरंपचों, निकायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।