Jammu : पाकिस्तान की दगाबाजी जारी, उससे नहीं हो सकती बातचीत

चरंगु ने कहा कि पिछले समय में जब-जब भारत ने पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध बनाने की दिशा में कदम उठाए पाकिस्तान ने इसका कभी सम्मान नहीं किया। आतंकवाद घुसपैठ के क्रम को जारी रखा। पाकिस्तान की दगाबाजी रुकी नहीं है। अब ड्रोन हमले की साजिश लगातार रच रहा है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 06:28 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 06:28 PM (IST)
Jammu : पाकिस्तान की दगाबाजी जारी, उससे नहीं हो सकती बातचीत
इंडियन चैप्टर आफ साॅलिडेरिटी द्वारा कराए गए वेबिनार में अश्विनी चुरंगू ने भारत-पाक रिश्तों पर अपने विचार रखे।

जम्मू, जागरण संवाददाता : पनुन कश्मीर के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर भाजपा नेता अश्विनी चुरंगू ने कहा कि पाकिस्तान लगातार जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराने और आतंकवाद फैलाने का काम करता रहा है। इन दिनों उसने ड्रोन हमले कराने का भी लगातार दुस्साहस कर रहा है। ऐसे में उससे किसी भी हालत में बातचीत संभव नहीं है। इंडियन चैप्टर आफ साॅलिडेरिटी द्वारा कराए गए वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत-पाक रिश्तों पर अपने विचार रखे।

चरंगु ने कहा कि पिछले समय में जब-जब भारत ने पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध बनाने की दिशा में कदम उठाए, पाकिस्तान ने इसका कभी सम्मान नहीं किया। आतंकवाद, घुसपैठ के क्रम को जारी रखा। पाकिस्तान की दगाबाजी रुकी नहीं है। अब ड्रोन हमले कराने की साजिश लगातार रच रहा है। इसलिए यह साफ है कि अभी और भविष्य में पाकिस्तान से वार्ता तो नहीं हो सकती। महज सीमा व वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने के लिए सैन्य स्तर पर बैठकें हो सकती हैं।

चुरंगू ने नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डा. फारूक अब्दुल्ला द्वारा पाकिस्तान के बातचीत करने की वकालत की निंदा करते हुए कहा कि फारूक अब्दुल्ला के बयानों से उनके अलगाववादी सोच झलकती है। आज भी जम्मू-कश्मीर को अलगाव की ओर धकेलना चाहते हैं। यह षड्यंत्र है। इसे किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा।

चुरंगू ने कश्मीरी पंडितों का दर्द भी बयान किया। कहा कि 1989 में घाटी में पाकिस्तान द्वारा जारी आतंकवाद के कारण कश्मीरी पंडितों को पयालन करना पड़ा। कश्मीरी पंडितों के दर्द को समझा जाना चाहिए। उन्होंने कामना की कि कश्मीरी पंडित एक दिन जरूर घाटी वापस जाएंगे और अपनी मिट्टी व संस्कृति से जुड़ सकेंगे। वेबिनार में अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे।

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