प्रशासन के लिए चुनौती भरा रहेगा बैक टू विलेज का तीसरा चरण

प्रदेश में दो अक्टूबर से शुरू होने वाली बैक टू विलेज मुहिम का तीसरा चरण प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। पंचायत प्रतिनिधि अपने अपने हलकों में विकास के अधूरे कार्याें को लेकर अभी से कड़े तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। वहीं कश्मीर में पंचों-सरपंचों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठना तय है। इतना ही नहीं जम्मू संभाग के कुछ पंचायतों के प्रतिनिधियों ने इस मुहिम के बहिष्कार करने की घोषणा भी कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 08:53 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 08:53 AM (IST)
प्रशासन के लिए चुनौती भरा रहेगा  बैक टू विलेज का तीसरा चरण
प्रशासन के लिए चुनौती भरा रहेगा बैक टू विलेज का तीसरा चरण

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रदेश में दो अक्टूबर से शुरू होने वाली बैक टू विलेज मुहिम का तीसरा चरण प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। पंचायत प्रतिनिधि अपने अपने हलकों में विकास के अधूरे कार्याें को लेकर अभी से कड़े तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। वहीं कश्मीर में पंचों-सरपंचों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठना तय है। इतना ही नहीं जम्मू संभाग के कुछ पंचायतों के प्रतिनिधियों ने इस मुहिम के बहिष्कार करने की घोषणा भी कर दी है।

जम्मू संभाग में ऊधमपुर ब्लॉक, चनैनी ब्लॉक के साथ जम्मू जिले के बिश्नाह के पंचों, सरपंचों ने भी बैक टू विलेज मुहिम के तीसरे चरण के बहिष्कार की घोषणा कर दी है। ऐसे हालात में कश्मीर में बीडीसी अध्यक्ष भुपेन्द्र सिंह की आतंकी हमले में हुई मौत ने पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा के मुद्दे को फिर से हवा दे दी है।

कश्मीर में आतंकी लगातार पंचायत प्रतिनिधियों को निशाना बना रहे हैं। अब तक आतंकी 21 पंचायत प्रतिनिधियों को निशाना बना चुके हैं। कई बार प्रशासन से मुद्दा उठा चुके पंच, सरपंच बैक टू विलेज मुहिम के तीसरे चरण में प्रशासन को सुरक्षा के मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर रहे हैं।

बैक टू विलेज मुहिम का तीसरा चरण दो अक्टूबर से शुरू हो रहा है। सरकार ने 776 अधिकारियों की पंचायतों में जाकर लोगों की सुध लेने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस मुहिम के दौरान शिकायतों का अंबार लगना तय है। गत दिनों जम्मू जिले के अखनूर में उपराज्यपाल के कार्यक्रम में भी क्षेत्र के पंचों, सरपंचों ने गांवों में विकास की पोल खोल दी थी। पंचायत कांफ्रेंस पर भी बहिष्कार का दबाव बना रहे पंच-सरपंच

पंचों, सरपंचों के संगठन जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के प्रधान अनिल शर्मा का कहना है कि विकास के वायदे पूरे न होने से प्रदेश के करीब तीस हजार पंच, सरपंच नाराज हैं। ऐसे हालात में वे पंचायत कांफ्रेंस पर भी बैक टू विलेज मुहिम का बहिष्कार करने का दवाब बना रहे हैं। हम इस दिशा में अभी कोई कार्रवाई नही करेंगे। शर्मा का कहना है कि विकास के वायदे, पंचायत प्रतिनिधियों को सुरक्षा जैसे मुद्दे पर सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए। पंचायत प्रतिनिधियों पर लगातार हमले एक गंभीर मसला है। ऐसे में हमारी पूरी कोशिश है कि गांवों के विकास संबंधी मुद्दों के साथ उपराज्यपाल से सुरक्षा का मुद्दा भी उठाएंगे। पंचायत प्रतिनिधियों को सुरक्षा मिलने के बाद ही विकास को तेजी दे पाएंगे।

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