World Heart Day 2021 : जम्मू के सीमावर्ती निवासियों में पाकिस्तान की गोलीबारी के तनाव का असर दिल पर पड़ रहा है भारी

जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान से होने वाली गोलाबारी के कारण लोगों की जीवनशैली ही प्रभावित होकर रह गई है। पिछले कुछ महीनों से संघर्ष विराम के चलते जरूर राहत है लेकिन वर्षों हुई गोलाबारी के कारण लोग भयभीत रहे हैं। अभी उनमें गोलाबारी का भय बना रहता है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 11:11 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 11:11 AM (IST)
World Heart Day 2021 : जम्मू के सीमावर्ती निवासियों में पाकिस्तान की गोलीबारी के तनाव का असर दिल पर पड़ रहा है भारी
युवा लोग भी जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में हृदय रोगों से पीड़ित हो रहे हैं।

जम्मू, रोहित जंडियाल। वर्षों तक जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहे गोलीबारी के तनाव का असर वहां पर रहने वाले लोगों की सेहत पर भी पड़ा है। इन क्षेत्रों में रहने वाले बहुत से लोग हृदय रोगों से पीड़ित हो रहे हैं। इन लोगों में जागरूकता की भी कमी है और लोग अस्पतालों में जांच करवाने के लिए भी नहीं आते हैं। वहीं डाक्टरों का कहना है कि अब पहले की अपेक्षा युवा लोग भी जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में हृदय रोगों से पीड़ित हो रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान से होने वाली गोलाबारी के कारण लोगों की जीवनशैली ही प्रभावित होकर रह गई है। पिछले कुछ महीनों से संघर्ष विराम के चलते जरूर राहत है लेकिन वर्षों हुई गोलाबारी के कारण लोग भयभीत रहे हैं। अभी भी उनमें गोलाबारी का भय बना रहता है। कई बार वह इस कारण पलायन कर देते थे।

जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्रों में अब तक कई मेडिकल कैंप लगा चुके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कार्डियालोजी विभाग के एचओडी डा. सुशील शर्मा का कहना है कि इन क्षेत्रों में तनाव काफी बढ़ा है। यही नहीं अब पारंपरिक जीवन शैली में भी बदलाव आया है। इस कारण भी हृदय रोग के मामले हर जगह बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपनी जांच नहीं करवाते हैं। अभी भी यह देखा गया है कि वह अपनी जिंदगी में अधिक व्यस्त रहते हैं। इन क्षेत्रों में जब भी जांच की, बहुत से लोग हृदय रोगों से पीड़ित मिले।

डा. सुशील के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में ब्लड प्रेशर, मधुमेह की समस्या भी बढ़ी है। मधुमेह और उच्च रक्तचाप दोनों ही बीमारियां हृदय रोगों का भी एक बड़ा कारण है। जिन क्षेत्रों में तनाव रहता है, वहां पर यह समस्या रहती है। यही नहीं इन क्षेत्रों के लोग धूम्रपान का भी अधिक सेवन करते हैं। इस कारण भी समस्या बढ़ी है। वहीं कुछ महीनों से अब सीमा पर शांति होने के कारण पलायन रूका है। ऐसे में इसका उनकी सेहत पर सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।

चालीस से कम हुए दिल के रोगी

डाक्टरों के अनुसार 10 वर्षों में दिल के रोगियों की संख्या बहुत बढ़ी है। चिंताजनक तथ्य यह है कि अब चालीस साल से कम अायु के लोगों को हृदय रोग बहुत हो रहा है। हृदय रोग विशेषज्ञ डा. सुशील शर्मा का कहना है कि लोगों की जीवनशैली में बहुत बदलाव आया है। फास्ट फूड के सेवन से कालेस्ट्राल का स्तर बढ़ा है। तनाव बहुत बड़ा है। लोगों ने व्यायाम करना छोड़ दिया है। नियमित रूप से 45 मिनट व्यायाम करने से इस रोग के होने की आशंका कम हो जाती है। उनका कहना है कि से जम्मू में दिल की नाड़ियों में बीमारी के मामले भी बढ़े हैं।

हृदयरोग के कई कारण

हृदय रोग विशेषज्ञ डा. नीरज शर्मा का कहना है कि हृदय रोग के कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि धूम्रपान शरीर के अधिकांश भागों को प्रभावित करता है। इनमें दिल भी शामिल है। इस कारण हृदय रोगों का एक बड़ा कारण धूम्रपान है। अधिक कालेस्ट्राल, मोटापा, उच्च रक्तचाप या अन्य रिक्त फैक्टरों के साथ जब धूम्रपान को जोड़ा जाता है तो यह दिल के लिए खतरनाक हो जाता है। दिल का रोग न हो, इसके लिए यह जरूरी है कि आपके कार्यालय, घर, खेल के मैदान सहित हर जगह पर वातावरण अच्छा हो। यही नहीं हरि सब्जियों का से वन करें। जंक फूड के सेवन से परहेज करें। सिगरेट पीना छोड़ दें। सप्ताह में कम से कम पांच दिन आधा घंटा सैर जरूर करें।

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