Jammu Kashmir: नए रंगकर्मियों की प्रतिभा को 25 से तराशेगा नटरंग, 20 दिन तक चलेगी कार्यशाला

नटरंग थियेटर 25 जनवरी से अभिनय कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है। इस कार्यशाला में एक नाटक तैयार किया जाएगा जिसका पहले नटरंग संडे थियेटर शृंखला में मंचन होगा। कार्यशाला करीब 20 दिन तक चलेगी।यह कार्यशाला उन युवाओं के लिए काफी मददगार होगी जिन्हें मंच की तलाश है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:04 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:04 PM (IST)
Jammu Kashmir: नए रंगकर्मियों की प्रतिभा को 25 से तराशेगा नटरंग, 20 दिन तक चलेगी कार्यशाला
नटरंग के सचिव नीरजकांत, वरिष्ठ कलाकार अनिल टिक्कू और मोहम्मद यासीन ने वीरवार को संवाददाता सम्मेलन किया

जम्मू, जागरण संवाददाता : युवाओं की अभिनय प्रतिभा को निखारने एवं रंगमंच से रुबरू करवाने के उद्देश्य से नटरंग थियेटर 25 जनवरी से अभिनय कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है। इस कार्यशाला में एक नाटक तैयार किया जाएगा, जिसका पहले नटरंग संडे थियेटर शृंखला में मंचन होगा। कार्यशाला करीब 20 दिन तक चलेगी, इसकी जानकारी नटरंग के सचिव नीरजकांत, वरिष्ठ कलाकार अनिल टिक्कू और मोहम्मद यासीन ने वीरवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में अभिनय के विभिन्न पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नटरंग रंगमंच जागरूकता एवं युवा प्रतिभा को मौके देने के उद्देश्य से नियमित इस तरह के प्रयास करता रहता है।

कार्यशाला पूरी तरह से अभिनय प्रकि्रया के प्राथमिक पहलुओं को ध्यान में रखकर करवाई जाएगी। इससे युवाओं को रंगमंच के क्षेत्र में उनकी प्रतिभा और कमजोरियों का पता चलेगा। बड़ी बात यह है कि उनकी रंगमंच के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्हाेंने दावा किया कि यह कार्यशाला प्रतिभागियों के व्यक्तित्व विकास में जरूर सहायक होगी। कार्यशाला में भाग लेने के इच्छुक युवाओं की आयु 16 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए। कार्यशाला में भाग लेने के इच्छुक युवा नटरंग कार्यालय तांगे वाली गली कच्ची छावनी में संपर्क कर पंजीकरण करवा सकते हैं। कार्यशाला का संचालन गौरी ठाकुर, माेहम्मद यासीन करेंगे।

इस मौके पर मोहम्मद यासीन ने कहा कि रंगमंच निश्चित तौर पर व्यक्तित्व विकास में सहायक होता है। ऐसी ही कार्यशालाओं से रंगमंच के कई कलाकार निकले हैं, जो आज टेलीविजन, फिल्म उद्योग, रंगमंच में विशेष पहचान बना चुके हैं। रंगमंच आत्मविश्वास, रचनात्मकता, कल्पनाशीलता को सहज बनाता है। सबसे महत्वपूर्ण है कि रंगमंच प्रतिभागियों के संचार कौशल का बढ़ाता है। बड़ी बात यह है कि कुछ वर्षों से रंगमंच गतिविधियां बढ़ी हैं। टेलीविजन, फिल्म उद्योग में अभिनेताओं की बढ़ती मांग को देखते हुए भी लोगों का रंगमंच में विश्वास बढ़ा है। मार्केंटिंग के इस युग में अभिनय और रंगमंच से जुड़े व्यक्ति का आत्मविश्वास उसे हर जगह मदद करता है। यह कार्यशाला उन युवाओं के लिए काफी मददगार होगी, जिन्हें मंच की तलाश है।

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