Jammu: कटड़ा से जापान... निशाने पर सोने का तमगा; तीरंदाज राकेश का संघर्ष दूसरों को कर रहा प्रेरित

राकेश कुमार गांव में प्लंबर का कार्य करता थे । साथ ही छोटी सी मोबाइल रिचार्ज की दुकान खोली थी। वर्ष 2009 में जम्मू से जब वह घर आ रहे थे कि जम्मू के नगरोटा के पास एक हादसे में दोनों टांगों में स्पाइनल कॉर्ड इंजरी हो गई।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 08:57 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 08:57 AM (IST)
Jammu: कटड़ा से जापान... निशाने पर सोने का तमगा; तीरंदाज राकेश का संघर्ष दूसरों को कर रहा प्रेरित
वर्ष 2018 में पहली बार पैरा आर्चीज का ट्राई टेस्ट हरियाणा रोहतक में हुआ जिसमें वह अव्वल रहे।

कटड़ा, राकेश शर्मा: माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा के छोटे से गांव नदाली के राकेश कुमार का संघर्ष वाकई दूसरों को प्रेरित करता है। वह पेशे से प्लंबर थे, लेकिन एक सड़क हादसे ने उन्हें दिव्यांग बना दिया। परिवार का पालन पोषण मुश्किल हो गया। कई साल जीवन की गाड़ी बुरे हाल में चलती रही।

अचानक जिंदगी ने ऐसा नया मोड़ लिया कि सबकुछ बदल गया। आज राकेश कुमार अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज हैं। उनका अगस्त में टोक्यो में होने वाले पैरा ओलंपिक खेलों में तीरंदाजी स्पर्धा में भारतीय टीम में चयन हुआ है। इन दिनों वह हरियाणा के सोनीपत में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सेंटर में प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। जज्बे, जुनून और कड़ी मेहनत की बदौलत राकेश ने यह मुकाम हासिल किया है।

दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए राकेश कुमार कहते हैं कि आज मैं जो हूं उसका सारा श्रेय कोच कुलदीप कुमार को जाता है। उन्होंने मुझे तीरंदाजी के गुर सिखाने के लिए श्राइन बोर्ड के स्पोट्रर्स स्टेडियम कटड़ा में दाखिला करवाया। इसके बाद वह लगातार सुबह से रात कड़ी मेहनत करते रहे। तीरंदाजी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अभिषेक वर्मा मेरे प्रेरणास्रोत रहे जिनसे मैं निरंतर प्रेरणा लेता रहता हूंं। राकेश कुमार ने बताया कि उसका लक्ष्य गोल्ड मेडल पर ही रहेगा। मां वैष्णो देवी की असीम कृपा के साथ गोल्ड मेडल के लिए पूरा दमखम लगाएंगे। जम्मू कश्मीर के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। परिवार में पत्नी के अलावा बेटा अंश वर्मा है जो वर्तमान में 10वीं कक्षा में पढ़ता है।

गांव में प्लंबर का कार्य करता : राकेश कुमार गांव में प्लंबर का कार्य करता थे । साथ ही छोटी सी मोबाइल रिचार्ज की दुकान खोली थी। यहीं से गुजर बसर चल रहा था। वर्ष 2009 में जम्मू से जब वह घर आ रहे थे कि जम्मू के नगरोटा के पास एक हादसे में दोनों टांगों में स्पाइनल कॉर्ड इंजरी हो गई। टांगे पूरी तरह से बेकार हो गई। काफी पैसा भी खर्च हुआ। इलाज के लिए कर्जा तक लेना पड़ा। काफी समय तक बिस्तर पर रहा। जैसे-तैसे करके अपनी दुकान पर ही काम कर परिवार का पोषण करता रहा। घर के हालात बहुत ही खराब हो चुके थे। समझ में नहीं आ रहा था कि जीवन किस तरह चलेगा। विकट स्थिति में भी परिवार पूरी तरह से साथ रहा।

वर्ष 2017 जुलाई में उस समय जीवन ने नया मोड़ लिया जब श्राइन बोर्ड के नारायणा अस्पताल जाते हुए कोच कुलदीप कुमार मेरे पास रुके और मेरे जीवन के बारे में जाना। कुलदीप ने मुझे प्रोत्साहित किया। दिव्यांग होने के कारण मैं मुश्किल से स्टेडियम पहुंच पाता था। मेरे छोटे भाई दीप कुमार ने मेरी मदद की जोकि बस चालक है। मुझे बीच-बीच में स्टेडियम छोड़ आया करता था और साथ ले आया करता।

रोजाना सुबह स्टेडियम में आकर शाम को घर वापस आता था। वर्ष 2018 में पहली बार पैरा आर्चीज का ट्राई टेस्ट हरियाणा रोहतक में हुआ जिसमें वह अव्वल रहे। मेरे लिए यह गौरव का पल था। इसी बीच मुझे टॉप ओलंपिक पोडियम स्कीम के तहत पचास हजार हर महीना सरकार की तरफ से मिलता रहा। मेरे पर करीब छह लाख का कर्ज था जो धीरे-धीरे मैंने चुकाया। इस सफर में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा मुझे अत्याधुनिक उपकरण तीरंदाजी को लेकर दिए और अन्य सुविधाएं भी। तत्कालीन जिला उपायुक्त रियासी इंदू कंवल चिब ने वर्ष 2019 में मुझे स्कूटी भेंट की ताकि मैं निरंतर अपनी मेहनत करता रहूं।

श्राइन बोर्ड के मल्टीपर्पज स्पोट्रर्स कांप्लेक्स सेंटर कटड़ा से हासिल किया प्रशिक्षण: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मल्टीपर्पज स्पोट्रर्स कांप्लेक्स सेंटर कटड़ा में राकेश के साथ उत्तर प्रदेश की ज्योति वालिया भी प्रशिक्षण हासिल कर रही हैं। बोर्ड के स्पोट्रर्स स्टेडियम के पूर्व निदेशक अशोक शर्मा ने गर्व महसूस करते हुए कहा कि दोनों विश्व स्तरीय खिलाडिय़ों ने कड़ी मेहनत से अपने को साबित किया है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य व स्पोट्र्स स्टेडियम कमेटी के चेयरमैन डा. अशोक भान, श्राइन बोर्ड के सीईओ, सभी प्रशिक्षक, माता पिता हार्दिक बधाई के पात्र हैं। वहीं जम्मू कश्मीर केउपराज्यपाल ने भी राकेश को बधाई दी है। 

क्या हैं उपलब्धियां वर्ष 2018 : इंडोनेशिया में हुए एशियन गेम्स में 10वां स्थान वर्ष 2018 में चेक रिपब्लिक में हुए यूरोपियन आर्चीज वल्र्ड रैंकिंग टूर्नामेंट में टीम गोल्ड मेडल वर्ष 2019: दुबई में 5वे फैजा कप ने कांस्य जीता जून 2019 नीदरलैंड में इंटरनेशनल प्रतियोगिता में चौथा स्थान हासिल किया था। 

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