चुनौती से कम नहीं है अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा, आधार शिविर जम्मू में बंद पड़े हैं सीसीटीवी

देश में बढ़ रही आतंकी वारदातों के बीच वार्षिक अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्वक ढंग से करवाना इस वर्ष सुरक्षा बलों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। पुलिस की तीसरी आंख कहे जाने वाले सीसीटीवी कैमरे बीते कई वर्षों से बंद पड़े हुए है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 05:37 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 05:37 PM (IST)
चुनौती से कम नहीं है अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा, आधार शिविर जम्मू में बंद पड़े हैं सीसीटीवी
जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीसीटीवी कैमरों का लगाने का प्रस्ताव कई वर्षों से ठंडे बस्ते में ही पड़ा है।

जम्मू, जागरण संवाददाता । केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा वार्षिक अमरनाथ यात्रियों की तैयारियां जारी होने संबंधी बयान के बाद पुलिस विभाग हरकत में आ गया है। आनन फानन में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बैठकें कर अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर रणनीति बनाने लगे है।

वहीं, प्रदेश में बढ़ रही आतंकी वारदातों के बीच वार्षिक अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्वक ढंग से करवाना इस वर्ष सुरक्षा बलों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। प्रदेश की शीतकालीन राजधानी जम्मू की बात करे तो पुलिस की तीसरी आंख कहे जाने वाले सीसीटीवी कैमरे बीते कई वर्षों से बंद पड़े हुए है।

इसमें शहर में सुरक्षा को चाक चौबंद बनाना पुलिस विभाग के लिए आसान काम नहीं है। मौजूदा दौर में आतंकी या आपराधिक वारदात को हल करने में सीसीटीवी कैमरों की अहम भूमिका है, लेकिन जम्मू पुलिस के पास अपने सीसीटीवी कैमरे हीं नहीं है। शहर और जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीसीटीवी कैमरों का लगाने का प्रस्ताव कई वर्षों से ठंडे बस्ते में ही पड़ा हुआ है।

जम्मू शहर में पिछले कुछ वर्षों में कई आतंकी हमले हो चुके है। इस में बस स्टैंड, विवेकानंद चौक, बीसी रोड़ में हुए ग्रेनेड हमले शामिल है। इसके अलावा सुजवां सैन्य कैंप पर आतंकी हमला, कुंजवानी, बठिंडी, गंग्याल, एयरपोर्ट आदि स्थानों से हाल ही में आतंकी पकड़े जा चुके हैं। ऐसे में सीसीटीवी कैमरों की अहमियत और बढ़ जाती है। बीते वर्ष बस स्टैंड में हुए ग्रेनेड हमले के आरोपित को पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से ही पकड़ा था।

चौदह वर्ष पूर्व लगाए थे 34 सीसीटीवी कैमरे

जम्मू पुलिस ने वर्ष 2008 में जम्मू शहर में संदिग्ध व्यक्तियों या गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 34 क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरे (सीसीटीवी) लगाए थे। जो अब सभी तकनीकी खराबी के चलते बंद पड़े हैं। जम्मू पुलिस हालांकि शहरवासियों को अपने घरों, दुकानों व कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रेरित तो कर रही है, लेकिन विभाग स्वयं कैमरे नहीं लगा पा रहा। जिन प्रमुख चौक चौराहों में कैमरे लगाए गए थे उन में सतवारी चौक, डोगरा चौक, ज्यूल चौक, विक्रम चौक, विवेकानंद चौक, इंदिरा चौक, रघुनाथ मंदिर आदि सार्वजनिक स्थल शामिल है। लेकिन अब इन कैमरों ने काम करना बंद कर दिया है।

नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में

पुलिस कर्मियों ने प्रदेश जम्मू कश्मीर के हरेक जिले में सीसीटीवी कैमरे लगाने की घोषणा करीब दो वर्ष पूर्व की थी, लेकिन अब तक यह कैमरे सरकारी फाइलों से निकल कर जमीन तक नहीं उतर पाई है।  

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