Jammu : सीमा पर मारा गया व्यक्ति आतंकी नहीं, आतंकियों का प्रमुख गाइड था

बताया जा रह है कि पिछले काफी समय से हाजी आरिफ लश्कर व जैश के आतंकियों भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवाने का कार्य कर रहा था और हर बार यह सफल हो जाता था लेकिन इस बार यह मारा गया।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 04:46 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 04:46 PM (IST)
Jammu : सीमा पर मारा गया व्यक्ति आतंकी नहीं, आतंकियों का प्रमुख गाइड था
मुख गाइड हाजी आरिफ 1992 में सीमा पार करके गुलाम कश्मीर में चला गया था।

शुक्रवार को पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर के कांगा गली क्षेत्र में सेना के जवानों ने भारतीय क्षेत्र में दाखिल हो रहे आतंकी को ढेर कर दिया था, लेकिन जांच के बाद यह आतंकी नहीं आतंकियों का प्रमुख गाइड हाजी आरिफ निकला। जो 1992 में सीमा पार करके गुलाम कश्मीर में चला गया था। 2018 में नौशहरा में हुए बैट हमले के पीछे भी इसका हाथ था।

सूत्रों ने मिली जानकारी के अनुसार मुहम्मद आरिफ उर्फ हाजी आरिफ पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर के पंजनी गांव का रहने वाला है और 1992 में सीमा पार करके यह गुलाम कश्मीर चला गया और मौजूदा समय में यह गुलाम कश्मीर के मैथयानी खुरेटा में रह रहा था। यह आतंकियों के कई दल भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवा चुका है और पाक में बार्डर एक्शन टीम का प्रमुख सदस्य भी माना जाता रहा है। सूत्रों का कहा है कि 2018 में नौशहरा सेक्टर में बार्डर एक्शन टीम ने आइइडी धमाका किया था। जिसमें सेना का अधिकारी शहीद हो गया था।

बताया जा रह है कि पिछले काफी समय से हाजी आरिफ लश्कर व जैश के आतंकियों भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवाने का कार्य कर रहा था और हर बार यह सफल हो जाता था, लेकिन इस बार यह मारा गया। सूत्रों का कहना है कि सबसे पहले हाजी आरिफ अकेला ही चल कर सीमा पार कर रहा था जबकि तीन से चार आतंकी इसके पीछे चल रहे थे। जैसे ही भारतीय सेना के जवानों व हाजी आरिफ के बीच मुठभेड़ शुरू हुई तो आतंकी वापस भागने में सफल हो गए।

हाजी आरिफ 1992 में सीमा पार करके गुलाम कश्मीर चला गया और वहीं पर इसने शादी भी कर ली और पाक सेना, आतंकी संगठनों के साथ साथ काफी की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए कार्य करने लगा। यह राजौरी व पुंछ दोनों जिलों की सीमा से पूरी तरह से वाकिफ था और इसे गाइड के तौर पर आतंकियों के दल को भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवाने के लिए भेजा जाने लगा और यह हर बार सफल भी रहा। सूत्रों का कहा है कि तीस से अधिक बार यह आतंकियों को सफलतापूर्वक भारतीय क्षेत्र में दाखिल करवा चुका है।

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