घाटी के लोगों को शिवभक्तों का इंतजार

राज्य ब्यूरो जम्मू बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कश्मीर के स्थानीय लोगों की भूमिका अहम होती है। पहलगाम बालटाल से यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले आधार शिविरों में टेंट और दुकानें लगाकर स्थानीय लोग रोजगार कमाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 May 2019 08:18 AM (IST) Updated:Thu, 30 May 2019 08:18 AM (IST)
घाटी के लोगों को शिवभक्तों का इंतजार
घाटी के लोगों को शिवभक्तों का इंतजार

राज्य ब्यूरो, जम्मू: बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कश्मीर के स्थानीय लोगों की भूमिका अहम होती है। पहलगाम, बालटाल से यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले आधार शिविरों में टेंट और दुकानें लगाकर स्थानीय लोग रोजगार कमाते हैं। उन्हें बेसब्री के साथ यात्रा का इंतजार रहता है। काफी संख्या में लोगों ने टेंट व दुकानें लगाने के लिए आवेदन किया है। अब जिला प्रशासन लाटरी के जरिए टेंट और दुकानें आवंटित करेगा। बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा एक जुलाई से शुरू हो रही है। यात्रा 46 दिन की होगी और रक्षाबंधन वाले दिन 15 अगस्त को संपन्न होगी। टेंट व दुकानें अलाट करने की प्रक्रिया जून के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगी। इनमें से 400 टेंट व 35 दुकानें नुनवन कैंप में, 800 टेंट व 50 दुकानें शेषनाग में, 900 टेंट व 50 दुकानें पंचतरणी और पवित्र गुफा के पास 180 टैंट व 35 दुकानें स्थापित की जा रही हैं। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को आधार शिविरों नुनवान, बालटाल, पहलगाम, चंदनवाड़ी में क्लाक भी उपलब्ध करवाए जाते है। क्लाक रूम के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड पहले ही टेंडर जारी कर चुका है। यह टेंडर जून के पहले व दूसरे सप्ताह में खुल जाएंगे और साथ ही काम शुरू हो जाएगा। कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर बसीर अहमद खान नियमित तौर पर अनंतनाग और गांदरबल जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के साथ बैठकें कर प्रबंधों का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि घोड़े और पिट्ठू वालों का पंजीकरण किया जाए। घोड़े वाले और पिट्ठू वाले स्थानीय लोग ही होते हैं, जो डेढ़ महीने की यात्रा के दौरान गुजारे के लिए पैसे कमा लेते हैं। इतना ही नहीं बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालु कश्मीर में घूम भी लेते हैं। कई श्रद्धालु जम्मू और साथ लगते पर्यटन स्थलों का रुख भी करते हैं। यात्रा राज्य की अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने में भी अपना योगदान देती है, बशर्ते यात्रा अवधि के दौरान राज्य में हालात सामान्य रहें। टेंट के लिए आवेदन करने वाले गुलाम अहमद ने कहा कि वह पहले भी टेंट लगाते आ रहे हैं। यात्रा के दौरान चार पैसे कमा कर उनका गुजारा हो जाता है। अब लाटरी से टेंट वालों का नंबर आएगा। इसलिए इंतजार में हैं कि लाटरी में नाम आता है या नहीं। दुकान के लिए आवेदन करने वाले शौकत ने कहा कि यात्रा के दौरान अधिक श्रद्धालुओं के आने का इंतजार रहता है। इससे हमें रोजगार मिलता है।

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आधार शिविरों में लगने वाले टेंट और दुकानों का विवरण

आधार शिविर टेंट दुकानें

नुनवन 400 35

शेषनाग 800 50

पंचतरणी 900 50

पवित्र गुफा 180 35

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