नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू डिक्लेरेशन बनाने की सियासी रणनीति बनाई

जम्मू डिक्लेरेशन डोगरा संस्कृति और कश्मीरियत को साथ लेकर चलेगा। हालात और वक्त ने जहा विभिन्न वर्गो में दरार पैदा की है जम्मू और कश्मीर के लोगों में एक तरह का अविश्वास पैदा किया है उसे यह मंच दूर करेगा।

By Edited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 06:19 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 08:16 AM (IST)
नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू डिक्लेरेशन बनाने की सियासी रणनीति बनाई
सभी राजनीतिक दलों और सीविल सोसाइटी के लोगों को इस विषय में न्यौता दिया गया है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू: जम्मू-कश्मीर में लगातार तेज हो रही सियासी गतिविधियों के बीच अब गुपकार डिक्लेरेशन के मुकाबले जम्मू डिक्लेरेशन की भी बात होने लगी है। अलबत्ता, यह सिर्फ जम्मू केंद्रित नहीं होगा और न एक समुदाय विशेष के लिए होगा।

यह मंच पूरे प्रदेश के लोगों के लिए होगा और प्रत्येक क्षेत्र व वर्ग के हित में होगा। यह दावा जम्मू डिक्लेरेशन के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों और बुद्धिजीवियों को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे नेशनल काफ्रेंस के जम्मू संभागीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा का है। उल्लेखनीय है कि पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन जम्मू कश्मीर में पाच अगस्त 2019 से पूर्व की संवैधानिक स्थिति की बहाली पर जोर देता है। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला ही गुपकार एलायस के अध्यक्ष हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार रह चुके पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि गुपकार डिक्लेरेशन को लेकर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। जम्मू डिक्लेरेशन सभी को साथ लेकर चलेगा। जम्मू संभाग में हर वर्ग, हर समुदाय के लोग रहते हैं। जम्मू एक तरह से जम्मू कश्मीर बहुलवादी संस्कृति का प्रतीक है। इसलिए हम चाहते हैं कि जम्मू से एक ऐसी आवाज निकले जो पूरे जम्मू कश्मीर की आवाज हो। जम्मू कश्मीर के हर वर्ग की उम्मीदें और आकाक्षाएं उससे पूरी हों।

उन्होंने कहा कि जम्मू डिक्लेरेशन डोगरा संस्कृति और कश्मीरियत को साथ लेकर चलेगा। हालात और वक्त ने जहा विभिन्न वर्गो में दरार पैदा की है, जम्मू और कश्मीर के लोगों में एक तरह का अविश्वास पैदा किया है, उसे यह मंच दूर करेगा। यह वह आवाज होगी जो निकलेगी तो जम्मू से, लेकिन होगी पूरे जम्मू कश्मीर की।

जम्मू-कश्मीर के हर हिस्से का आदमी खुद को राजनीतिक, सामाजिक व आíथक रूप से मजबूत समझे, यही मकसद जम्मू डिक्लेरेशन का होगा। इसके लिए आम सहमति बनाने के लिए हम जम्मू कश्मीर के हर शहर और गाव में जाएंगे। इसलिए सभी राजनीतिक दलों और सीविल सोसाइटी के लोगों को इस विषय में न्यौता दिया गया है।

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