Jammu : बाजारों पर चढ़ा करवाचौथ की खरीदारी का रंग, रविवार को भी खुले रहे बाजार

शहर के इस समय करवाचौथ को लेकर सबसे अधिक भीड़ कपड़ा व शृंगार की दुकानों पर उमड़ रही है। पुराने शहर की बात करें तो सिटी चौक से लेकर पुरानी मंडी और लिंक रोड से लेकर राज तिलक रोड पर महिलाओं की अच्छी-खासी भीड़ उमड़ रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 12:26 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 12:26 PM (IST)
Jammu : बाजारों पर चढ़ा करवाचौथ की खरीदारी का रंग, रविवार को भी खुले रहे बाजार
बाजारों में करवाचौथ की खरीदारी जोर पकड़ रही है।

जम्मू, जागरण संवाददाता । महिलाओं के सबसे पसंदीदा त्योहार करवाचौथ को लेकर इन दिनों बाजारों में अच्छी-खासी रौनक है। शहर के बाजारों में करवाचौथ की खरीदारी जोर पकड़ रही है। इसके चलते रविवार को भी शहर के अधिकतर बाजार खुले रहे। करवाचौथ को लेकर पुराने शहर के पटेल बाजार से लेकर गांधी नगर के अप्सरा रोड तक इस समय ग्राहकों की अच्छी-खासी चहल-पहल नजर आ रही है और त्योहारों के इस सीजन ने कोरोना की मार झेल रहे व्यापार को कुछ हद तक राहत दी है और उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में दीपावली के त्योहार व शादियों के सीजन में मंदी की मार झेल रहा कारोबार एक बार फिर पटरी पर लौटेगा।

शहर के इस समय करवाचौथ को लेकर सबसे अधिक भीड़ कपड़ा व शृंगार की दुकानों पर उमड़ रही है। पुराने शहर की बात करें तो सिटी चौक से लेकर पुरानी मंडी और लिंक रोड से लेकर राज तिलक रोड पर महिलाओं की अच्छी-खासी भीड़ उमड़ रही है। शृंगार सामग्री के लिए मशहूर पटेल बाजार में तो पिछले कुछ दिनों से इतनी भीड़ है कि यहां पर दो-पहिया वाहनों की आवाजाही भी रोकने की नौबत आ गई है। इसके अलावा करवाचौथ का यह त्योहार सर्राफा बाजार में भी हलचल लेकर आया है। कोरोना महामारी शुरू होने पर जब लॉकडाउन लगा था तो सोने के भाव साढ़े तीन हजार रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास थे जो अब बढ़कर पांच हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच चुके है। इसके बावजूद करवाचौथ व शादियों के चलते बाजार में खरीदारी जोर पकड़ रही है जिससे बाजार राहत महसूस कर रहा है।

शारीरिक दूरी का नहीं हो रहा पालन

त्योहारों के इस सीजन में बाजारों में खरीदारी को लेकर इतना जोश है कि लोग कोरोना महामारी के बीच शारीरिक दूरी के पालन जैसे अहम नियम तक को भूल गए है। पुराने शहर के पुरानी मंडी व पटेल बाजार में तो लोग गुत्थमगुत्था हो रहे है। ऐसे में यह डर भी सता रहा है कि छह महीने तक कोरोना से जूझने के बाद यह छोटी सी लापरवाही कहीं शहर पर भारी न पड़ जाए। हालांकि लोग घरों से बाहर निकलने से पहले मॉस्क पहनने के नियम का पालन कर रहे हैं।

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