Jammu Kashmir: सरकार ने राहत के नाम पर करोड़ों खर्चे, अब पड़ गए लेने के देने, जानें क्या है पूरा मामला
निगम ने नई बस्ती में नाले पर डाली गई स्लैब पर बनाई गई दुकान को तोड़ डाली है और स्लैब को तोड़ने का काम जारी है। निगम नानक नगर में पूर्व केंद्रीय मंत्री के घर के नजदीक नाले पर डाली गई स्लैब को भी जल्द तोड़ने जा रहा है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : करोड़ों रुपये खर्च कर लोगों को राहत देने के प्रयास सरकार को उलटे पड़ने लगे हैं। जिन क्षेत्रों में नालों पर स्लैब डाली गई है, वहां नालों की सफाई नहीं हो पा रही। इससे आसपास के इलाकों में जलभराव का खतरा बढ़ गया है। यह स्लैब नगर निगम के गले की फांस बन गए हैं। करोड़ों रुपये स्लैब डालने पर लगे थे। अब लाखों इसे तोड़ने पर खर्च करने पड़ेंगे। जलभराव की ज्वलंत होती समस्या से छटपटा रहा जम्मू नगर निगम अब इन स्लैब को तोड़ने की तैयारी में जुट गया है।
हालत यह है कि बरसात की झड़ी अभी लगी भी नहीं है कि नाले ओवरफ्लो हाेकर तबाही मचाने लगे हैं। विगत सोमवार को प्री-मानसून की बारिश से ही शहर के अधिकतर निचले क्षेत्र जलमग्न हो गए थे। करोड़ों का नुकसान हुआ। निगम के अनुसार यह स्थिति इसलिए पैदा हुई कि कई क्षेत्रों में नालों पर स्लैब होने के कारण इनकी सफाई नहीं हो सकी। निकासी रुकी। फिर पानी पीछे मुहल्लों में चढ़ता चला गया है। आठ दिन गुजर जाने के बाद भी इन स्थानों पर नालों की सफाई संभव नहीं हुई है। उधर देश के अधिकतर राज्यों से होते हुए बरसात ने जम्मू-कश्मीर में भी दस्तक दे दी है। लोग खतरे में है और निगम परेशानी में।
निगम ने नई बस्ती में नाले पर डाली गई स्लैब पर बनाई गई दुकान को तोड़ डाली है और स्लैब को तोड़ने का काम जारी है। ऐसे ही निगम नानक नगर में पूर्व केंद्रीय मंत्री के घर के नजदीक नाले पर डाली गई स्लैब को भी जल्द तोड़ने जा रहा है। फिलहाल निगम ने यहां स्लैब को तोड़ का नाले से गंदगी, मलबा निकाला है।
ऐसे डलती रहीं स्लैब
राजपुरा मंगोत्रियां में 17 मार्च 2020 को मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने गली नंबर 10 व 11 में 2.95 लाख रुपये की लागत से नाले पर स्लैब डालने का काम शुरू करवाया।
नानक नगर में चंडी माता मंदिर के नजदीक अगस्त 2016 में स्लैब को तोड़ा गया। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने तब जलभराव की समीक्षा के बाद यह निर्देश दिए थे।
रूपनगर में जेडीए ने वर्ष 2018 में 6.96 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज नाले पर स्लैब डाली।
तोप शेरखानियां में शांति नगर नाले पर आवास एवं शहरी विकास विभाग ने 5 करोड़ रुपये की लागत से स्लैब डालने का काम शुरू करवाया।
यूइइडी ने वर्ष 2020 में राजपुरा नाले पर 1.26 करोड़ रुपये से स्लैब डाली। इसका काम मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने स्थानीय कॉरपोरेटरों के साथ शुरू करवाया। यह नाला वार्ड नंबर 24, 28 व 29 से गुजरता है।
मंडलीक नगर में 1.30 करोड़ रुपये की लागत से शटरिंग स्टोर के नजदीक नाले पर स्लैब डाली गई।
सामने आ चुके हैं अतिक्रमण
वर्ष 2014 में जब सरकार ने जब गंग्याल, डिग्याना में नाले का निर्माण शुरू किया था तब भी बहुत से अतिक्रमणकारियों को मुंह की खानी पड़ी थी। ईरा ने यहां नाले का निर्माण किया था। नाले के निर्माण जिस किसी की जमीन नाले में आई। उसे मुआवजा भी दिया गया। हालांकि अधिकतर लोग जमीन के मालिक थे लेकिन बहुतों ने अतिक्रमण कर रखा था। इनमें गंग्याल में 14 घरों की जमीन नाले में इनमें से से 3 ने जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ था। ऐसे ही डिग्याना में 16 में से 3, आश्रम में 12 में से तीन, ठंगर में 22 में से एक अतिक्रमणकारी निकला। साफ है कि नालों की जमीन पर अतिक्रमणकारी काबिज हैं। इस नाले के निर्माण पर
जल्द हो समाधान
शहर के निचले क्षेत्रों में रहने वाले प्रभावित लोग चाहते हैं कि राज्य प्रशासन बिना संकोच नालों को अतिक्रमण मुक्त बनाए। नालों को चौड़ा व गहरा करे ताकि साल-दर-साल बढ़ रहे जलभराव से निपटा जा सके। शहर के अधिकतर निचले क्षेत्रों में हर बरसात में जलभराव होता है। लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। कुछेक लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है और कई जगह सरकार ने स्वयं ही नालों पर स्लैब डाले हुए हैं। जीवन नगर निवासी अशोक कुमार, नानक नगर निवासी दिलेर सिंह, संजय नगर के बंटी गुप्ता ने कहा कि सरकार चाहे तो कुछ भी मुश्किल नहीं। फिलहाल गर्वनर राज है। राजनीतिक हस्तक्षेप भी कम होगा। लिहाजा बड़ा अभियान चलाकर नालों को खाली करवाया जाए। इससे अगले 30-40 सालों तक राहत मिल जाएगी। कॉरपोरेटर सुरजीत सिंह, जयदीप शर्मा, बलदेव सिंह बलोरिया का कहना है कि नालों पर हुआ अतिक्रमण हटेगा तभी समस्या का समाधान होगा। निर्माण व अाबादी बढ़ने से जल निकासी की दिक्कतें बढ़ेंगी।
स्लैब तोड़कर नालों की सफाई से मिलेगी राहत
मेयर चंद्र मोहन गुप्ता का कहना है कि कुछ स्थानों पर स्लैब डालने के कारण नालों की सफाई में मुश्किलें आने लगी हैं। इन स्लैब को तोड़ने का फैसला लिया गया है। इतना ही नहीं नालों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं। जलभराव वाले प्वाइंट साफ करने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। बारिश के बीच भी कर्मचारी काम कर रहे हैं। लोग सहयोग करें। ्नालों को अतिक्रमण मुक्त बनाकर समस्या का समाधान किया जाएगा।