हर तरफ बिखरी गंदगी से शहर में बीमारी फैलने का खतरा

जागरण संवाददाता जम्मू तीन दिन से सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शहर में हर तरफ गंदगी के ढेर नजर आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Aug 2019 08:48 AM (IST) Updated:Thu, 01 Aug 2019 08:48 AM (IST)
हर तरफ बिखरी गंदगी से शहर में बीमारी फैलने का खतरा
हर तरफ बिखरी गंदगी से शहर में बीमारी फैलने का खतरा

जागरण संवाददाता, जम्मू : तीन दिन से सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शहर में हर तरफ गंदगी के ढेर नजर आ रहे हैं। कोई हल नहीं निकलने से हालात और बदतर होने के आसार हैं। शहर के सभी डंपिग प्वाइंट गंदगी से पट चुके हैं। नालियों, नालों के अलावा खाली प्लाटों से भी गंदगी के कारण बदबू आना शुरू हो गई है। इससे शहर में बीमारी फैलना का खतरा बढ़ गया है। बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी जम्मू शहर में किसी भी सफाई कर्मचारी ने काम नहीं किया। मजबूरन लोगों ने खुद ही घरों, प्रतिष्ठानों, दुकानों से निकलने वाले कचरे को डंपिग प्वाइंट और यहां-वहां फेंक दिया। इसी कारण मुहल्लों में गंदगी यहां-वहां बिखरी दिख रही है। कोई सफाई करने वाला अभी तक नहीं पहुंचा। न ही जम्मू नगर निगम प्रशासन ही कोई ऐसे प्रबंध कर पाया है। सफाई कर्मचारियों ने बुधवार को भी टाउन हाल में एकत्र होकर नारेबाजी का सिलसिला जारी रखा। बुधवार को बारिश के बीच भी सैकड़ों की संख्या में सफाई कर्मियों ने निगम परिसर में पहुंच कर प्रदर्शन किया। शाम तक निगम प्रशासन की तरफ से कोई आमंत्रण अथवा हल निकलने की सूचना नहीं मिलने के चलते सिविक सफाई कर्मचारी यूनियन ने वीरवार को भी हड़ताल को जारी रखने की घोषणा कर दी है।

इसी बीच सिविक सफाई कर्मचारी यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने पहले तो नेता जी सुभाष चंद्र पार्क और फिर निगम परिसर में नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी जम्मू नगर निगम प्रशासन, मेयर के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने कि लगातार तीन दिन से शहर में गंदगी के ढेर लगे होने के बाद भी शायद निगम प्रशासन को समझ नहीं आया है कि उनके बिना कोई सफाई नहीं कर पाएगा। अधिकारियों को सफाई कर्मचारियों की अनदेखी बंद करनी ही होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि वीरवार से प्रदर्शन का रूप बदलते हुए प्रशासन को नींद से जगाने के प्रभावी प्रयास शुरू कर दिए जाएंगे। जो हालात भी शहर में बन रहे हैं, उसके लिए निगम प्रशासन दोषी है। यूनियन के निवर्तमान प्रधान रिकू गिल ने कहा कि मजबूर होकर हमने सड़कों पर उतरने की घोषणा की थी। इससे पहले 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया, लेकिन कोई परवाह नहीं की गई। निगम अधिकारी फिर से लालीपॉप देकर गुमराह कर सफाई कर्मियों को तोड़ना चाहते हैं, जो अब नहीं होगा। सभी सफाई कर्मी एकजुट हो चुके हैं। निगम को एक बड़ी हड़ताल के लिए तैयार रहना होगा। अब मांगों को मनवाने से कम पर बात नहीं होगी। उन्होंने कहा कि गांधीनगर के 26 वार्डों की सफाई निजी हाथों में सौंपने से सफाई कर्मचारियों का भविष्य खतरे में पड़ रहा है। इसे बंद फौरन किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि मंगलवार को प्रशासन के साथ कर्मचारियों की बैठक बेनतीजा रही थी। अब मेयर चंद्रमोहन गुप्ता ने सफाई कर्मचारी नेताओं से बातचीत की हामी भरी है। आंदोलन को उग्र रूप देने की चेतावनी

कर्मचारियों ने कहा है कि उनकी मांगे प्रशासन को माननी ही होंगी। अभी तक शांतिपूर्वक आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन जरूरत पड़ी तो संघर्ष को उग्र भी किया जा सकता है। फिर स्थिति संभाली नहीं जाएगी। हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है। मांगे पूरी होंगी तभी पीछे हटेंगे। वहीं कर्मचारियों की हड़ताल के चलते निगम में भी कामकाज प्रभावित होने लगे हैं। कई सेक्शन में कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं। निर्दलीय कारपोरेटरों ने संघर्ष को दिया समर्थन

आंदोलनकारियों ने कहा है कि हम बाबा अमरनाथ यात्रा में कोई विघ्न नहीं डाल रहे हैं। आम लोगों को भी हमारी मजबूरी के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही है। निगम प्रशासन, मेयर तथा कॉरपोरेटरों को सफाई कर्मियों की समस्या को समझना होगा। हमारी परेशानियां हल करनी होंगीं। उधर, बुधवार को कुछ निर्दलीय कॉरपोरेटर व ओबीसी सेल के चेयरमैन भी सफाई कर्मियों के समर्थन में पहुंचे और मांगों को पूरा करवाने का यकीन दिलाया। 75 वार्ड में तैनात हैं 2400 सफाई कर्मी

नगर निगम अधीनस्थ शहर के 75 वार्डों में निगम के करीब 2400 सफाई कर्मचारी हैं। इनमें 679 स्थायी, 637 एनजीओ, 679 कैजुअल और 536 निजी कर्मचारी शामिल हैं। यह सभी सफाई कर्मी वार्डों में सफाई का काम देख रहे हैं। वहीं, निगम के पास सिर्फ 16 सेनेटरी सुपरवाइजर हैं और 95 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। कर्मचारियों की प्रमुख मांगे

-जम्मू नगर निगम का पुनर्गठन

-33 कांट्रैक्चुअल ड्राइवरों को नियमित करना। ये ड्राइवर 13 साल से काम कर रहे हैं।

-सात साल पूरा कर चुके 200 सफाई कर्मचारियों, कंप्यूटर आपरेटर्स व टेक्निकल असिस्टेंट व सर्वेयर को नियमित करना।

-सफाई कर्मियों के खाली पद भरने। नौ माह पहले सफाई कर्मचारियों के 600 पद सृजित किए गए। इसके लिए आवेदन भी मांगे गए। अभी तक यह पद भरे नहीं गए। इन पदों को भरा जाए।

-सभी कॉडर के कर्मचारियों की डीपीसी की जाए।

-एनजीओ सिस्टम और वार्ड का निजीकरण समाप्त करना।

-सफाई कर्मियों के लिए नई म्यूनिसिपल कॉलोनी बनाना।

-सफाई कर्मियों को रविवार व सरकारी छुट्टियां दी जाएं।

-एक समय हाजिरी या फिर डेली एलाउंस जारी किए जाएं।

-बाहर से गाड़ियां किराए पर लेना बंद किया जाए।

-डेलीवेजरों को छुट्टियां दी जाएं।

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