Corona Vaccine in Srinagar: कोरोना पर काबू करने के लिए सौ फीसद टीकाकरण में चुनौतियां अनेक

Corona Vaccine in Srinagar स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को बड़ी चुनौती कश्मीर में आ रही है। यहां लक्ष्य हासिल करना चुनौती भरा है। इस बार भी श्रीनगर जिले में तमाम प्रयासों के बाद करीब 50 फीसद ही टीकाकरण हो पाया।

By Edited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 05:18 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 10:00 AM (IST)
Corona Vaccine in Srinagar: कोरोना पर काबू करने के लिए सौ फीसद टीकाकरण में चुनौतियां अनेक
बेहतर होता अगर सरकार ऐसे नागरिकों को उनके घरों में जाकर टीका लगवाती।

जम्मू, रोहित जंडियाल: कोरोना वायरस के संक्रमण का समूल नाश करने के लिए जम्मू कश्मीर में टीकाकरण अभियान तीसरे चरण में पहुंच गया है, लेकिन सौ फीसद लक्ष्य हासिल करना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौतियों भरा रहेगा। पहले दो चरण में जैसी उम्मीद थी, उतना टीकाकरण नहीं हो सका। सोमवार को तीसरा चरण भी बहुत उत्साह से शुरू नहीं हो पाया। पहले दिन ही कई कमियां दिखीं। हालांकि, अब विभाग जी-जान से जुटा है।

उसका पूरा प्रयास है कि वीआइपी भी वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आएं, ताकि लोगों में सकारात्मक संदेश जाए। वहीं, मंगलवार को प्रदेश मे चार हजार बुजुर्गो को कोरोना वैक्सीन दी गई। पहला चरण 16 जनवरी को शुरू हुआ था। इसमें सबसे स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया, लेकिन हैरानगी की बात यह रही कि शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल साइंसेस जैसे संस्थान में भी सभी ने टीकाकरण नहीं करवाया है।

30 फीसद स्वास्थ्य कर्मी टीकाकरण के लिए आगे ही नहीं आए। यही स्थिति दूसरे चरण में रही। इसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया जा रहा है। 30 जनवरी को शुरू हुआ यह टीकाकरण छह मार्च तक चलेगा। अभी तक 57 फीसद फ्रंटलाइन वर्कर्स का ही टीकाकरण हुआ है। अब आने वाले चार दिनों में शेष 43 फीसद का टीकाकरण करना संभव नहीं है।

जागरूक न होना भी बड़ी समस्या : अब तीसरे चरण की शुरुआत ही अच्छी नहीं रही। सात मार्च को टीकाकरण शुरू करने की तैयारी में जुटे जम्मू कश्मीर को आनन-फानन में पहली मार्च से ही अभियान शुरू करना पड़ा। यही कारण है कि पहले दिन ना के बराबर टीकाकरण हुआ। स्वास्थ्य विभाग के लिए इस बार बड़ी चुनौती लोगों को कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बारे में जागरूक करना है। पहले दिन ही लोग कोवैक्सीन लगवाने पर अड़े रहे। मंगलवार को भी कई जगहों पर यही बात सामने आई। लोगों को लगा कि प्रधानमंत्री ने कोवैक्सीन लगवाई है। ऐसे में उन्हें भी यही वैक्सीन लगनी चाहिए।

तीसरे चरण में 15 लाख का लक्ष्य : टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण में 15 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है। इनमें 60 साल से अधिक उम्र लोगों को वैक्सीन दी ही जा रही है, साथ ही बीमारियों से पीड़ित 45 से 59 वर्ष के लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है। कश्मीर में कोरोना संक्रमण पर नजर रखने वाले डा. निसार-उल-हसन का कहना है कि इस बार विभाग के सामने चुनौतियां और बढ़ेंगी। बुजुर्गो के लिए घरों से बाहर आना आसान नहीं होता। बेहतर होता अगर सरकार ऐसे नागरिकों को उनके घरों में जाकर टीका लगवाती।

धीमी रफ्तार की ये वजह : विशेषज्ञों के अनुसार पहले और दूसरे चरण में शुरुआती दौर में न तो वरिष्ठ डाक्टर टीकाकरण के लिए आगे आए और न ही राजस्व विभाग के अधिकारी। पहले ही दिन विभाग लोगों को समझाने में विफल रहा। जिस तरह प्रधानमंत्री ने आगे आकर टीका लगवाया, वैसे ही यहां पर भी ऐसा होता तो लोगों में अधिक उत्साह होता। यही नहीं, प्रशासन भी लोगों को जागरूक तक नहीं कर पाया। कश्मीर में हर बार टीकाकरण में आने वाली परेशानी से भी सबक नहीं लिया गया।

363 केंद्रों पर लगे टीके : स्वास्थ्य विभाग वीरवार से कई और भी जगह टीकाकरण केंद्र स्थापित करेगा। मंगलवार को प्रदेश में 363 केंद्रों पर व्यवस्था की गई थी। इन केंद्रों में फ्रंटलाइन वर्कर्स का भी टीकाकरण हो रहा था। इन केंद्रों की सख्या अगले कुछ दिनों में बढ़ाकर करीब दो हजार किए जाने का प्रस्ताव है। जम्मू कश्मीर में अब तक करीब 3.81 हजार लोगों को कोरोना से बचाव का टीका लगाया जा चुका है।

कश्मीर में चुनौतियां अधिक: स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को बड़ी चुनौती कश्मीर में आ रही है। यहां लक्ष्य हासिल करना चुनौती भरा है। इस बार भी श्रीनगर जिले में तमाम प्रयासों के बाद करीब 50 फीसद ही टीकाकरण हो पाया। मंगलवार को अभियान में सभी ने उत्साह से भाग लिया। चार हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने टीके लगवाए। वीरवार से इसमें और तेजी आएगी। जम्मू में भी सभी जगहों पर टीकाकरण में उत्साह नजर आया। डा. काजी हारूण, टीकाकरण अधिकारी

जम्मू कश्मीर कोवैक्सीन की मांग की समस्या जरूर आ रही है, लेकिन लोगों को यह समझना होगा कि दोनों ही वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं। जम्मू कश्मीर में सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन भेजी है। यही सभी को लगेगी। इसके लिए विभाग भी लोगों को जागरूक कर रहा है। लोगों को खुद भी समझने की जरूरत है। डा. रेनू शर्मा, स्वास्थ्य निदेशक जम्मू

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