Terror Funding In Kashmir: जम्मू कश्मीर पुलिस ने गूगल से मांगा पीडीपी नेता परा के ईमेल का रिकार्ड

Terror Funding In Kashmir गूगल से वहीद परा के सभी ई-मेल व संबंधित डाटा को संरक्षित रखने के लिए कहा गया है। गूगल ने इस पर सहमति जताई है। गूगल से आई क्लाउड पर संरक्षित वाटसएप बातचीत व डाटा भी उपलब्ध कराने को कहा गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 08:51 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 08:51 AM (IST)
Terror Funding In Kashmir: जम्मू कश्मीर पुलिस ने गूगल से मांगा पीडीपी नेता परा के ईमेल का रिकार्ड
गूगल से आई क्लाउड पर संरक्षित वाटसएप बातचीत व डाटा भी उपलब्ध कराने को कहा गया है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस ने अमेरिका और गूगल प्रशासन से सपंर्क कर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के करीबी वहीद-उर-रहमान परा, पाकिस्तान में बैठे अलगाववादियों और आतंकियों के बीच इंटरनेट मीडिया पर हुई बातचीत व ई-मेल के रिकार्ड को साझा करने का आग्रह किया है। वहीद परा पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष भी हैं और बीते साल नवंबर से हिरासत में हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलीजेंस विंग ने बीते दिनों अदालत में उनके खिलाफ एक आरोपपत्र दायर किया है।

वहीद परा का नाम जनवरी 2020 में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर नवीद बाबू और उसे साथ पकड़े गए पुलिस के तत्कालीन डीएसपी र्देंवदर सिंह से पूछताछ के दौरान आया था। र्देंवदर सिंह को सेवामुक्त किया जा चुका है। इस पूरे मामले में एनआइए भी अपना आरोपत्र दायर कर चुकी है। पुलिस के काउंटर इंटेलीजेंस विंग ने अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि वहीद परा के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के सभी ठोस सुबूत मौजूद हैं। उसने राजनीतिक फायदे के लिए आतंकियों व अलगाववादियों के साथ गठजोड़ किया और बदले में उन्हेंं हथियार उपलब्ध कराने, हमलों को अंजाम देने व अन्य प्रकार से भी मदद की।

जांच में पता चला है कि पाकिस्तान में बैठे अलगाववादी व आतंकी सरगना अक्सर उसे फरमान देते थे और वह इस पर अमल कर संबंधित मुद्दों की जानकारी देता था। आरोपपत्र के अनुसार, जम्मू कश्मीर पुलिस ने निर्धारित प्रक्रिया और माध्यम से गूगल व अमेरिका की संबंधित संस्थाओं से वहीद परा के तीन ई-मेल आइईडी के जरिए हुए ई मेल के आदान-प्रदान का ब्यौरा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय विदेश मंत्रालय के जरिए म्यूचल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (एमएलएटी) के तहत यह जानकारी अमेरिका और गूगल से मांगी गई है। गूगल से वहीद परा के सभी ई-मेल व संबंधित डाटा को संरक्षित रखने के लिए कहा गया है। गूगल ने इस पर सहमति जताई है। गूगल से आई क्लाउड पर संरक्षित वाटसएप बातचीत व डाटा भी उपलब्ध कराने को कहा गया है।

महबूबा ने आरोप नकारे: अलबत्ता, वहीद परा के वकील और महबूबा ने पुलिस के आरोपपत्र को नकारते हुए इसे राजनीतिक दुराग्रह से प्रेरित बताया है। महबूबा ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने वहीद परा को यातनाएं दी हैं और उसे जेल में अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया है। अलबत्ता, पुलिस ने महबूबा के आरोपों को नकारा है। 

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