स्थायी नहीं होने पर भाजपा मुख्यालय पर अस्थायी कर्मचारियों का धरना
जागरण संवाददाता जम्मू विभिन्न विभागों में तैनात अस्थायी कर्मचारी अब अपनी मांगों के समर्थन में ए
जागरण संवाददाता, जम्मू : विभिन्न विभागों में तैनात अस्थायी कर्मचारी अब अपनी मांगों के समर्थन में एकजुट होने लगे हैं। शुक्रवार को अलग-अलग विभागों में काम करने वाले अस्थायी कर्मी एकजुट होकर भाजपा मुख्यालय पर पहुंचे और अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द मांगें पूरी नहीं की गई तो फिर बसें, रेलगाड़ियों रोकने से भी परहेज नहीं किया जाएगा। अब हद हो रही है। प्रदर्शन में
आल डिपार्टमेंट कैजुअल लेबर्स यूनाइटेड फ्रंट जम्मू प्रोविस के बैनर तले जलशक्ति, बिजली, लोक निर्माण विभाग, इस्टेट, कृषि, फ्लोरीकल्चर, वन, पॉलीटेक्निक कॉलेज के कैजुअल व नीड बेस्ड कर्मचारी शामिल हुए। कर्मचारियों ने भाजपा पर अपना वादा नहीं निभाने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी।
प्रदर्शन में शामिल अस्थायी कर्मियों का कहना था कि विभिन्न विभागों के करीब 60 हजार अस्थायी कर्मचारी अलग-अलग समय में विभिन्न सरकारों के समय में नियुक्त किए, ताकि कामकाज सही तरीके से चलता रहे। विभिन्न विभागों की यूनियनों की तरफ से इन कर्मचारियों को स्थायी करने की लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला। प्रदर्शनकारी नई भर्ती से पहले सभी 60 हजार कैजुअल कर्मचारियों को नियमित करने, न्यूनतम वेतनमान लागू करने, एसआरओ-381 को लागू करने और बकाया वेतन जारी करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मांगों को पूरा होने तक अब वे चुप नहीं बैठेंगे। आंदोलन को तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में पीडीडी के प्रधान अखिल शर्मा, होशियार सिंह चिब, राजेंद्र सिंह ताज, भानू प्रताप सिंह संब्याल, बिकल मन्हास, ज्योति शर्मा, मोहन शर्मा, रशपाल सिंह, राजन शर्मा, कुलदीप राज, बसंत सिंह, सतीश शर्मा, शिव राज सिंह, अजय शर्मा प्रमुख थे। पुराने अस्थायी कर्मियों को नियमित करने के बाद हो नई भर्ती
प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों का कहना था कि केंद्रशासित राज्य की सरकार 50 हजार कर्मचारियों की भर्ती करने जा रही है, जिनमें 10 हजार के करीब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी होंगे। हम पिछले 25 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। हमें नियमित किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं किया जा रहा है। पीडीपी ने एसआरओ 520 लाया तो हमें उम्मीद बंधी थी कि शायद अब उनके बच्चे भूखे नहीं मरेंगे। दिसंबर 2017 को इस एसआरओ को लाया गया जिसके तहत सभी कैजुअल कर्मचारी नियमित होते। एक साल से भी ज्यादा समय गुजर चुका है लेकिन हुआ कुछ नहीं। अब उल्टा नई भर्ती करने की तैयारी की जा रही है।