शिक्षकों को पढ़ाने का मिलेगा प्रशिक्षण
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से जम्मू कश्मीर के लिए समग्र शिक्षा के तहत मंजूर किए गए 1073 करोड़ में से 23 करोड़ रुपये अध्यापकों की शिक्षा के लिए रखे गए हैं। इसका उद्देश्य अध्यापकों को प्रशिक्षित कर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रदेश में समग्र शिक्षा के जरिए शिक्षा का बुनियादी ढांचा मजबूत करने के साथ गुणवत्ता पर जोर दिया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से जम्मू कश्मीर के लिए समग्र शिक्षा के तहत मंजूर किए गए 1073 करोड़ में से 23 करोड़ रुपये अध्यापकों की शिक्षा के लिए रखे गए हैं। इसका उद्देश्य अध्यापकों को प्रशिक्षित कर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है।
समग्र शिक्षा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरुण मन्हास का कहना है कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए अहम कदम उठाए गए हैं। मौजूदा दौर में अध्यापकों को प्रशिक्षण देना बहुत जरूरी है। शिक्षा के आधुनिक पहलुओं से अध्यापक जब रूबरू होंगे तो वे बच्चों को और बेहतर शिक्षा दे पाएंगे। समग्र शिक्षा के तहत इस समय भी कार्य चल रहे हैं। इस समय कोरोना से उपजे हालात के कारण शिक्षण संस्थान बंद हैं। प्रशासन ने अध्यापकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की तैयारी कर ली है। विभाग स्थायी रहबर-ए-तालीम अध्यापकों से ग्रेड दो या तीन में आए अध्यापकों को भी प्रशिक्षण देगी। समग्र शिक्षा के तहत एलीमेंटरी और सेकेंडरी स्तर के 96877 अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पर 9.68 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हर अध्यापक पर एक हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। जम्मू कश्मीर में दो प्लेनिटोरियम स्थापित किए जाएंगे
अध्यापकों के लिए ओरियंटेशन कार्यक्रम होगा। इसमें 83754 एलीमेंटरी अध्यापकों पर 8.37 करोड़ और सेकेंडरी व हायर सेकेंडरी स्तर के 23123 अध्यापकों पर 2.31 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, चार प्राइमरी स्कूलों का दर्जा बढ़ाकर अप्पर प्राइमरी किया जाएगा। इस पर 194.88 करोड़ खर्च होंगे। जम्मू कश्मीर में दो प्लेनिटोरियम स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए धनराशि को मंजूरी दी जा चुकी है। स्कूलों में अतिरिक्त क्लास रूम, चाहरदीवारी, शौचालय बनाए जाएंगे
स्कूलों में 106 अतिरिक्त क्लास रूम, चाहरदीवारी, 172 शौचालयों, छात्राओं के लिए 40 शौचालय बनाए जाएंगे। इन पर 31.33 करोड़ खर्च होंगे। जम्मू कश्मीर में 22315 स्कूलों में कोविड-19 से सुरक्षा के लिए 1.11 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रत्येक स्कूल को पांच सौ रुपये उपलब्ध करवाए जाएंगे। हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में इको क्लब भी बनाए जाएंगे। इसके लिए समग्र शिक्षा के तहत 2522 क्लब बनाए जाएंगे, जिसमें 2500 प्रति स्कूल को मिलेंगे। दसवीं व बारहवीं कक्षा की परीक्षा के लिए भरे जा रहे फार्म
राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन जम्मू संभाग के समर जोन की दसवीं व बारहवीं कक्षा की अर्द्धवार्षिक परीक्षा कराने का फैसला जल्द करेगा। कोरोना संक्रमण से उपजे हालात के बीच बोर्ड उपराज्यपाल प्रशासन से सलाह मशविरा के बाद ही फैसला करेगा। इस समय परीक्षा फार्म भरे जा रहे हैं।
परीक्षा के लिए आवेदन फार्म भरने की अंतिम तिथि 25 अगस्त निर्धारित की गई है। बोर्ड की चेयरपर्सन प्रो. वीना पंडिता का कहना है कि विद्यार्थियों को घबराने की जरूरत नहीं है। परीक्षा फार्म भरने से हमारे पास डाटा उपलब्ध हो जाएगा। परीक्षा का फैसला करते समय हर पहलू को ध्यान में रखा जाएगा। विद्यार्थियों के हितों का ख्याल रखा जाएगा। हमारी कोशिश है कि पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती की जाए या इसका समायोजन किया जाए। हमने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को प्रस्ताव भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही इसकी अधिसूचना जारी कर देंगे। विद्यार्थियों की सहूलियत को देखते हुए अंतिम तिथि दस दिन के लिए बढ़ाया जा सकता है। बताते चलें कि दसवीं व बारहवीं कक्षा की अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के परिणाम कुछ समय पहले घोषित हुए थे। दोनों परीक्षाओं को मिलाकर 12 हजार से अधिक बच्चे पास नहीं हुए हैं। पांच हजार से अधिक विद्यार्थी पिछले साल के हैं। दूसरी तरफ कश्मीर संभाग में अक्टूबर व नवंबर में बोर्ड दसवीं व बारहवीं कक्षा की परीक्षा आयोजित करता है। इसके लिए अभी से तैयारियां की जाती हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी से परीक्षाएं करवाना चुनौती ही होगा।