Jammu: स्वतंत्रता दिवस पर तवी ट्रेकर्स गुलप कांगरी की चोटी पर लहराएंगे तिरंगा

19356 फीट की विशाल ऊंचाई पर स्थित गुलप कांगड़ी पर पहले ही 16 साल की मोनिका खजूरिया और 17 साल की उमा जम्वाल 1991 युवा पर्वतारोहियों के साथ देख चुकी हैं।गुलप कांगड़ी भारत की सबसे ऊंची और सबसे लोकप्रिय ट्रेकिंग चोटियों में से एक है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:40 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 09:40 AM (IST)
Jammu: स्वतंत्रता दिवस पर तवी ट्रेकर्स गुलप कांगरी की चोटी पर लहराएंगे तिरंगा
नरेश अग्रवाल और परविंद्र भुमरा वर्ष 1996 में वहां ट्रेकिंग कर चुके हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता : इस स्वतंत्रता दिवस पर जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा ट्रेकिंग क्लब तवी ट्रेकर्स लद्दाख हिमालय में गुलप कांगरी की चोटी पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। गुलप कांगरी के लिए चुनौतिपूर्ण ट्रेकिंग 7 से 18 अगस्त तक चलेगी। इसका निर्णय क्लब के मुख्य सदस्यों ने आनलाइन बैठक में लिया। कोविड-19 के संकट के चलते प्रभावित हुई क्लब की गतिविधियों को देखते हुए गतिविधियों के संशोधित कैलेंडर तैयार करने का निर्णय भी लिया गया।

12 दिवसीय गुलाप कांगरी ट्रैकिंग का नेतृत्व 71 वर्षीय क्लब के अध्यक्ष राम खजूरिया करेंगे।इनका ट्रेकिंग का लंबा अनुभव है।ट्रेकिंग के लिए जाने वालों में क्लब के 76 वर्षीय सलाहकार प्रो. ललित मगोत्रा भी शामिल हैं। वरिष्ठ सदस्य सुमित खजूरिया, सुशील सिंह और अभिमन्यु शेरपा ।दो लड़कियों सहित अन्य तीन प्रतिभागियों को भी टीम में शामिल किए जाने की संभावना है। क्लब ने 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस पर गुलाप कांगड़ी शिखर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की योजना बनाई है।

19356 फीट की विशाल ऊंचाई पर स्थित गुलप कांगड़ी पर पहले ही 16 साल की मोनिका खजूरिया और 17 साल की उमा जम्वाल 1991 युवा पर्वतारोहियों के साथ देख चुकी हैं।गुलप कांगड़ी भारत की सबसे ऊंची और सबसे लोकप्रिय ट्रेकिंग चोटियों में से एक है। हर साल यह दुनिया भर में बहुत से ट्रेकर्स को आकर्षित करता है।जिनके पास पर्वतारोहण का कोई अनुभव नहीं है। लेकिन लद्दाख के इस ऊंचाई वाले ट्रेक पर जाना चाहते हैं।

हालांकि चोटी पूरी तरह से गैर-तकनीकी है और 19356 फीट और उबड़ खाबड़ इलाके की ऊंचाई की वजह से जहां जाने के लिए कोई विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है। फिर भी यह उच्च धीरज और सहनशक्ति की मांग करता है।स्पष्ट रूप से शुरुआती लोगों के लिए नहीं है। तवी ट्रेकर्स से जुडे सुमित खजूरिया ने वर्ष 1992 और 1996 में दो बार गुलप कांगडी गए। नरेश अग्रवाल और परविंद्र भुमरा वर्ष 1996 में वहां ट्रेकिंग कर चुके हैं। 

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