डरे-सहमे लौटे श्रमिकों ने कहा 'अब नहीं जाएंगे कश्मीर'
जागरण संवाददाता जम्मू घाटी में गैर कश्मीरियों को निशाना बनाए जाने के बढ़ते मामलों के बी
जागरण संवाददाता, जम्मू : घाटी में गैर कश्मीरियों को निशाना बनाए जाने के बढ़ते मामलों के बीच जम्मू पहुंचने वाले श्रमिकों का जमावड़ा जम्मू रेलवे स्टेशन के बाहर लगने लगा है। पिछले तीन दिन से रेलवे स्टेशन परिसर और बाहर सड़क पर हजारों की संख्या में दूसरे राज्यों के श्रमिक अपने परिवारों के साथ बैठे हैं। वह घरों को जाने के लिए ट्रेनों में सवार होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
मंगलवार को भी सैकड़ों की संख्या में कश्मीर से श्रमिक जम्मू पहुंचे। इनमें से अधिकतर ईंट-भट्ठों में काम करने वाले श्रमिक थे। इन श्रमिकों का कहना था कि वे लोग अब अपने गांवों में जाकर भीख मांग कर खा लेंगे, लेकिन कश्मीर नहीं जाएंगे। उनका कहना था कि पिछले कुछ दिनों में कश्मीर में ऐसे हालात बन गए थे कि बाहर जाने से तो डर लगता ही था, अगर कोई उनके पास भी आता था तो वे उससे भी डरते थे। अपने परिवार के साथ जम्मू पहुंची श्रमिक सुनीता का कहना था कि वह कश्मीर में पिछले पांच वर्ष से अपने पति व बच्चों के साथ रह रही थी, लेकिन पहले कभी ऐसा डर महसूस नहीं हुआ। सुनीता के पति जमीरी लाल का कहना था कि वे जहां काम करते थे, वहां से मजदूरी का पैसा भी लेकर नहीं आ सके। उनके पास इतना समय नहीं था कि मजदूरी के पैसों को लेने का इंतजार करते। जान रहेगी तो दोबारा मेहनत कर पैसा कमा लेंगे। वहीं, बिहार निवासी युवक सोनू ने बताया कि वह पांच महीने पहले ही कश्मीर में अपने एक दोस्त के साथ गया था। वहां सब्जी बेचता था। कुछ समय तो वहां ठीक ही लगा, लेकिन एकदम हालात खराब होने लगे। सोनू का कहना है कि वह अब पंजाब में अपने चचेरे भाई के पास जा रहा है। उसका भाई वहां रेहड़ी लगाता है। उसके पास जाकर कोई काम करूंगा।