लॉकडाउन में ढील मिलते ही शौचालयों के निर्माण ने पकड़ी गति

जम्मू में बनेंगे 10 हजार शौचालय

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 09:11 AM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 09:11 AM (IST)
लॉकडाउन में ढील मिलते ही शौचालयों के निर्माण ने पकड़ी गति
लॉकडाउन में ढील मिलते ही शौचालयों के निर्माण ने पकड़ी गति

जागरण संवाददाता, जम्मू : लॉकडाउन में छूट के साथ हर घर में शौचालय के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ना शुरू हो गए हैं। जम्मू नगर निगम ने श्रमिकों के काम पर लौटते ही रुके पड़े शौचालयों का काम शुरू करवा दिया है। करीब दस हजार शौचालयों का निर्माण इस साल शहर में किया जाएगा। चार हजार से ज्यादा शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।

शहर के विभिन्न वार्डो में निजी शौचालयों का निर्माण ठेकेदारों द्वारा करवाया जा रहा है। जिन लोगों के नाम सूची में आए हैं, उनके घरों में ठेकेदार के श्रमिक पहुंच रहे हैं। पहले ईंटें, बजरी, रेत, सरिया मौके पर पहुंचाया जा रहा है। उसके एक-दो दिन में मिस्त्री व श्रमिकों को काम पर लगाया जाता है। दो दिन में एक शौचालय तैयार हो जाता है। शहर के त्रिकुटा नगर, गंगयाल, डिग्याना आदि क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। त्रिकुटा नगर एक्सटेंशन में रहने वाले राजेंद्र सिंह का कहना है कि शौचालय नहीं होने से से हमें दिक्कत थी। अब निगम द्वारा शौचालय बनाकर दिया गया है। बहुत अच्छा लग रहा है। वहीं, सुरेंद्र गुप्ता, दीपक कुमार का कहना है कि इन शौचालयों के बनने से लोगों को घरों से बाहर शौच के लिए नहीं जाना पड़ेगा।

कॉरपोरेटर अजय गुप्ता का कहना है कि सरकारी मदद से जरूरतमंदों को शौचालय बनाकर दिए जा रहे हैं। इससे जम्मू को शत-प्रतिशत खुले में शौच मुक्त बनाने में सफलता मिलेगी।

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शहर में 10 हजार शौचालय बनेंगे

शहर में रहने वाले गरीब व जरूरतमंद परिवारों को उनके घरों में सिगल सीट वाला शौचालय बनाकर दिया जा रहा है। फिलहाल नगर निगम ने शहर में 10 हजार शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इस साल में इन शौचालयों को बनाने के लिए निगम ने काम में तेजी लाई है। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन होने से निर्माण कार्य रुक गए थे।

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खुले में शौच मुक्त बनेगा शहर

स्वच्छ भारत मिशन के तहत जम्मू शहर में नगर निगम जरूरतमंदों को शौचालय बनाकर दे रहा है। इसके लिए प्रति शौचालय 17 हजार रुपये की राशि निर्धारित है। ठेकेदार को जगह बता दी जाती है। अधिकारी मौका देखते हैं। फिर औपचारिकताएं पूरी करने के बाद काम शुरू करवा दिया जाता है। एक सीट वाले इस शौचालय को एक-दो दिन में बनाकर तैयार कर दिया जाता है। निर्धारित मापदंडों का पालन किया जाता है।

-सूरज प्रकाश पाधा, चेयरमैन, स्वच्छ भारत मिशन कमेटी, जम्मू नगर निगम

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