Tawi ka Dard: माडर्न बूचड़खानों से होगा सूर्यपुत्री तवी नदी का संरक्षण, नगर निगम जल्द शुरू करने जा रहा काम
सूर्यपुत्री तवी नदी को अब बूचड़खानों (स्लाटर हाउस) की गंदगी से भी निजात मिलने जा रही है।भेड़ों व बकरियों का हलाल और झटका मीट मशीनों से तैयार किया जाएगा। 500 हलाल और झटका भेड़-बकरियों की स्लाट्रिंग की क्षमता वाले इस बूचड़खाने में ब्लड प्रोसेसिंग यूनिट लगे होंगे
-सूर्यपुत्री तवी का दर्द-4-
जम्मू, अंचल सिंह : जम्मू शहर की जीवनदायिनी सूर्यपुत्री तवी नदी को अब बूचड़खानों (स्लाटर हाउस) की गंदगी से भी निजात मिलने जा रही है। जम्मू नगर निगम डोगरा हाल और गुज्जर नगर में स्थित मौजूदा बूचड़खानों को माडर्न बनाने जा रहा है।इससे पहले निगम ने केंद्रीय परियोजना के तहत जगती क्षेत्र में 75 कनाल जमीन पर आधुनिक बूचड़खाने बनाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन वहां लोगों के विरोध के चलते यह प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया। मामला अदालत में भी पहुंचा। इसके चलते निगम ने मौजूदा बूचड़खानों को ही माडर्न बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया है। जल्द ही इस प्रोजेक्ट को शुरू कर दिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। डोगरा हाल व गुज्जर नगर के दोनों ही बूचड़खानों की गंदगी अभी तक नालों से होते हुए तवी नदी में पहुंचती है। तवी नदी जम्मू की जीवनदायिनी मानी जाती है। लोग इसकी पूजा करते हैं। अमावस्या व अन्य धार्मिक अनुष्ठान तवी किनारों पर होते हैं।
डोगरा हाल और गुज्जर नगर में करीब साढ़े तीन कनाल जमीन पर चार दशक से बूचड़खाने चल रहे हैं। निगम ने इन्हें माडर्न बनाने के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके लिए न्यूनतम बिड 20.54 करोड़ रुपये की प्राप्त हुई है। निगम मैसर्स माइक्रो ट्रांसमिशन्स सिस्टम को यह ठेका सौंप रहा है। इसके लिए औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। सचिवालय में फाइल पहुंच चुकी हैं। जल्द ही इसके लिए फंड पारित होंगे और फिर काम शुरू हो जाएगा।
माडर्न बनने जा रहे इन बूचड़खानों में भेड़ों व बकरियों का हलाल और झटका मीट मशीनों से तैयार किया जाएगा। 500 हलाल और झटका भेड़-बकरियों की स्लाट्रिंग की क्षमता वाले इस बूचड़खाने में ब्लड प्रोसेसिंग यूनिट लगे होंगे, जो जानवरों के काटने से निकलने वाली गंदगी को साफ करेंगे। स्लाटर हाउस के बाहर सिर्फ साफ सुथरा पानी ही बहेगा, जबकि बाकी सब मशीनों के जरिए यहीं निपटा लिया जाएगा। निगम के पास डोगरा हाल में करीब दो कनाल और गुज्जर नगर में एक कनाल के करीब जमीन है जहां बूचड़खाने चल रहे हैं।
18 महीनों में इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा : डोगरा हाल में झटका तथा गुज्जर नगर में हलाल मीट काटने का प्रावधान रहेगा। काम शुरू होने के बाद करीब 18 महीनों में इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। फरवरी तक ठेकेदार को काम सौंप दिए जाने की उम्मीद नगर निगम व्यक्त कर रहा है। इसके तहत भगवती नगर में भेड़-बकरियों को रखने के लिए लैरेज बनाया जा चुका है। इसके अलावा कोट भलवाल में भी ऐसा ही रेंड्रिंग प्लांट बनेगा। बूचड़खाने में लाने से पहले मवेशियों को इनमें रखा जा सकेगा।
ये होंगे फायदे
माडर्न बनेंगे मौजूदा बूचड़खाने : म्यूनिसिपल वेटनरी आफिसर डाॅ. सुशील शर्मा ने कहा कि शहर के दोनों ही बूचड़खाने माडर्न तरीके से बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सबसे कम बिड भरने वाली कंपनी को ठेका दे दिया गया है। अब इसके लिए सरकारी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। जैसे ही फंड्स आएंगे, इनका काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद कर सकते हैं कि अगले एक महीने में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसे तवी नदी का संरक्षण तो होगा ही, लोगों को भी स्वच्छ व गुणवत्ता वाला मीट मिलेगा। बूचड़खानों के आसपास रहने वालों की शिकायतें भी खत्म हो जाएंगी। वर्षों से प्राजेक्ट लटकता जा रहा है। इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमने मौजूदा बूचड़खानों को माडर्न बनाने की तैयारी की है।