राष्ट्रविरोधी तत्वों पर कठोर कार्रवाई हो, आमजन पर न हो अनावश्यक सख्ती

राष्ट्रविरोधी तत्वों आतंकियों हवाला कारोबारियों और नशे के सौदागरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 07:48 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 07:48 AM (IST)
राष्ट्रविरोधी तत्वों पर कठोर कार्रवाई हो, आमजन पर न हो अनावश्यक सख्ती
राष्ट्रविरोधी तत्वों पर कठोर कार्रवाई हो, आमजन पर न हो अनावश्यक सख्ती

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को स्पष्ट कर दिया है कि देश की एकता व अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। राष्ट्रविरोधी तत्वों, आतंकियों, हवाला कारोबारियों और नशे के सौदागरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने कहा है कि सुरक्षा बल सुनिश्चित करें कि आम नागरिकों के साथ अनावश्यक सख्ती न हो। उन्होंने कहा कि पूरा देश सुरक्षाबलों के साथ है, इसलिए सुरक्षाबलों को ऐसी कोताही नहीं करनी चाहिए जिससे उनकी छवि प्रभावित हो। शोपियां मुठभेड़ मामले में तेजी से जांच का आदेश दे वह अपना रुख पहले ही साफ कर चुके हैं।

उपराज्यपाल ने अमशीपोरा (शोपियां) मुठभेड़ पर सवाल उठने के बाद उन्होंने अधिकारियों को तत्काल उचित कदम उठाने का निर्देश दिए थे। उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों से कहा है कि वह जम्मू कश्मीर में तैनात सैन्यकर्मियों, अर्धसैनिकबलों और पुलिसबल को किसी भी स्थिति में कानून को अपने हाथ न लेने को कहें। जरा सी चूक से कश्मीर में हालात सामान्य बनाने और आम जनता व प्रशासन के बीच विश्वास के पुल को मजबूत बनाने की सारी कवायद प्रभावित हो सकती है।

उन्होंने यह सलाह विभिन्न इलाकों के दौरे के दौरान स्थानीय लोगों से मिले फीडबैक और सुरक्षा समीक्षा बैठकों के आधार पर दी है। सूत्रों के अनुसार उपराज्यपाल ने नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भी इस मसले पर बातचीत की है। उपराज्यपाल की इस पहल को तीन दशक से आतंकवाद का दंश झेल रहे प्रदेश के नागरिकों का विश्वास जीतने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

प्रदेश प्रशासन का मानना है कि सुरक्षाबलों की किसी भी कोताही या नागरिकों के प्रति अनावश्यक सख्ती से किसी भी समय कानून-व्यवस्था का संकट पैदा हो सकता है। उपराज्यपाल ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से भी बातचीत में साफ कहा कि 18 जुलाई को अमशीपोरा मुठभेड़ में लिप्त सभी सैन्य अधिकारियों और जवानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। उन्होंने प्रदेश पुलिस को भी इस मामले की निष्पक्ष जांच का निर्देश दिया था। इस मुठभेड़ में मारे गए राजौरी के तीनों श्रमिकों के परिजनों ने 11 सितंबर को उपराज्यपाल को पत्र भी लिखा था। मुठभेड़ में अफस्पा के नियमों के उल्लंघन के सेना के बयान से एक दिन पहले ही थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने उपराज्यपाल से भेंट की थी।

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