Kargil : कारगिल में बादल फटने के बाद अभी भी बिखरे हैं तबाही के निशान

कारगिल में बादल फटने के एक सप्ताह बाद भी क्षेत्र में तबाही के निशान बिखरे पड़े हैं। इस दौरान कुछ सड़कों के अलावा अन्य विकास प्रोजेक्ट को नुकसान हुआ था। एकाएक पंजिला नदी उफान पर आ गई। उसके बाद मशीनें भी पानी में बह गईं।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 07 Aug 2021 09:35 PM (IST) Updated:Sat, 07 Aug 2021 09:35 PM (IST)
Kargil : कारगिल में बादल फटने के बाद अभी भी बिखरे हैं तबाही के निशान
एकाएक पंजिला नदी उफान पर आ गई और वहां काम कर रही कंपनी की मशीनें पानी में बह गईं।

संवाद सहयोगी, लेह : कारगिल में बादल फटने के एक सप्ताह बाद भी क्षेत्र में तबाही के निशान बिखरे पड़े हैं। इस दौरान कुछ सड़कों के अलावा अन्य विकास प्रोजेक्ट को नुकसान हुआ था। इससे कारगिल-जंस्कार रोड पर चल रहा कार्य भी प्रभावित हुआ और वहां कंपनी का सामान भी नाले में उफान के कारण बह गया। कारगिल हिल काउंसिल और जिला प्रशासन भले ही स्थिति को सामान्य बनाने में जुटा है पर यह उफान अपने पीछे काफी कुछ नुकसान झेल गया।

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास निगम (एनएचआइडीसीएल) के साथ काम कर रही स्काइलार्क इंफ्रा कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि सामान्य दिन की तरह काम चल रहा था और एकाएक पंजिला नदी उफान पर आ गई। उसके बाद हमारी मशीनें भी पानी में बह गईं। कर्मचारियों ने बमुश्किल अपनी जान बचाई। खुशकिस्मती रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।

स्काइलार्क के वाइस प्रेसिजेंट सुनील दीवान ने बताया कि इस दौरान सड़क को भी काफी नुकसान हुआ और हमारा काफी सामान बह गया। अभी भी कुछ मशीनरी मलबे में दबी है। हालांकि सड़क को वहां तैनात कर्मचारियों ने दुरुस्त कर दिया है और शेष काम भी तेजी से पूरा कर लिया जाएगा। खुशकिस्मती रही कि हमारे सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।

यहां बता दें कि बादल फटने से कारगिल जिले में काफी तबाही हुई। इसके साथ ही तेजी से चल रही विकास परियोजनाओं को भी झटका लगा।

कारगिल स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के अनुसार बादल फटने से आई बाढ़ से करगिल-जांस्कर मार्ग पर सांगरा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। इसके अलावा तुरंत सामान्‍य सेवाएं बहाल करने का प्रयास हैं। नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

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