Jammu Kashmir: जीसी मुर्मु की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली एसएसएफ हुई मजबूत, 19 पुलिस अधिकारी-सहायक स्टाफ नियुक्त
एसएसएफ में उन्हीं पुलिस अधिकारियों जवानों व सहायक कर्मियों को नियुक्त किया जाता है जो एसएसजी के जवानों व अधिकारियों की तरह ही प्रशिक्षित कमांडो हों।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। उपराज्यपाल जीसी मुर्मु की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) को और सुदृढ़ व प्रभावी बनाने के लिए उसमें 19 और पुलिस अधिकारियों व सहायक स्टाफ को तैनात किया गया है। इन सभी को एसएसएफ में प्रतिनियुक्ति के आधार पर भेजा गया है।
जम्मू कश्मीर केंद्र शासित राज्य गृह विभाग के विशेष सचिव शकील उर रहमान ने गत वीरवार को एक आदेश जारी किया। इसके मुताबिक तीन अधिकारियों समेत 12 पुलिसकर्मियों और छह पुलिस सहायक स्टाफ कर्मियों को तत्काल प्रभाव से एसएसएफ में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। इन लोगाें के शामिल होने के बाद एसएसएफ में अधिकारियों, जवानों व सहायक स्टाफ की संख्या 80 हो गई है।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि पुराने जम्मू कश्मीर राज्य में मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए एसएसजी होती थी। राज्यपाल की सुरक्षा के लिए कोई विशेष दल नहीं था। एसएसजी ही यह जिम्मेदारी निभाती थी। अलबत्ता, वर्ष 2018 में तत्कालीन राज्य प्रशासकीय परिषद ने राज्यपाल की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बिल के जरिए एसएसएफ के गठन को मंजूरी दी थी। एसएसफ को राज्यपाल, उनके परिजनों व संबधित मामलों पर सुरक्षा का जिम्मा है। केंद्र शासित राज्य जम्मू कश्मीर में राज्यपाल के स्थान पर उपराज्यपाल का पद है, इसलिए अब एसएसएफ उपराज्यपाल, उनके परिजनों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है।
एसएसएफ में उन्हीं पुलिस अधिकारियों, जवानों व सहायक कर्मियों को नियुक्त किया जाता है जो एसएसजी के जवानों व अधिकारियों की तरह ही प्रशिक्षित कमांडो हों। एसएसजी का गठन वर्ष 1996 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ फारूक अब्दुल्ला के शासनकाल में हुआ था। एसएसजी के गठन, इसके नियम और जिम्मेदारियों की व्याख्या जम्मू कश्मीर विशेष सुरक्षा बल समूह एसएजी अधिनियम 2000 में की गई है।