Jammu Municipal Corporation को चूना लगा जेब भरने में लगे कुछ कारपोरेटर, कोई ठेकेदार तो कुछ ट्रांसपोर्टर बन गए

नगर निगम के कानून (बाए-लॉज) में स्पष्ट लिखा है कि कारपोरेटर उनके परिवार के सदस्य या उनके करीबी रिश्तेदारों में किसी की नगर निगम द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्यों में वित्तीय भागीदार नहीं होगी।अधिकारियों को भी इस गोरखधंधे की भलीभांति जानकारी है लेकिन सबने आंखें मूंद रखी है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 06:13 PM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 06:13 PM (IST)
Jammu Municipal Corporation को चूना लगा जेब भरने में लगे कुछ कारपोरेटर, कोई ठेकेदार तो कुछ ट्रांसपोर्टर बन गए
नगर निगम ने वार्ड में कूड़े को एकत्रित करने के लिए एक लोड कैरियर ठेके पर ले रखा है।

जम्मू, दिनेश महाजन : नगर निगम जम्मू के अधिकारियों की मिली भगत से कुछ कारपोरेटर निगम को चूना लगा कर खुद की जेब भरने में लगे हुए हैं। नगर निगम के सिर पर कुछ कारपोरेटर ट्रांसपोर्टर बन गए तो कुछ ठेकेदार। हालांकि नगर निगम के कानून (बाए-लॉज) में स्पष्ट लिखा है कि कारपोरेटर, उनके परिवार के सदस्य या उनके करीबी रिश्तेदारों में किसी की नगर निगम द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्यों में वित्तीय भागीदार नहीं होगी। नगर निगम के वरिष्ठ पद पर बैठे अधिकारियों को भी इस गोरखधंधे की भलीभांति जानकारी है, लेकिन सबने आंखें मूंद रखी है।

नगर निगम जम्मू ने शहर के सभी 75 वार्ड में कूड़े को एकत्रित करने के लिए एक लोड कैरियर ठेके पर ले रखा है। प्रत्येक लोड कैरियर को नगर निगम 40 हजार रुपये किराये पर देती है। कई कारपोरेटर ने नगर निगम के कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अपने पद पर दुरुपयोग कर कूड़ा एकत्रित करने के लिए लोड कैरियर रखे हुए है। यह लोड कैरियर उन्होंने अपने दोस्तों या कुछ करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लिया हुआ है। प्रति माह वे नगर निगम से 40 हजार रुपये ले लेते हैं, लेकिन चकरा एकत्रित करने वाले लोड कैरियर को अपनी मन मर्जी से चलाते हैं।

कई वार्डों में तो यह आलम है कि कचरा एकत्रित करने वाले लोड कैरियर से वार्ड वासी परिचित ही नहीं है। लोड कैरियर के अलावा नगर निगम ने कुछ वार्डों कचरा उठाने के लिए छोटे टिप्पर और जेसीबी मशीनें भी वार्ड में ठेके पर ले रखी है। यहां भी नगर निगम के कानून को धर किनार कर कुछ कारपोरेटरों ने खुद के छोटे टिप्पर और जेसीबी मशीन ले ली है, जो नगर निगम से छोटा किराया वसूल रहे है, लेकिन इन वाहनों को प्रयोग ना के बराबर ही करते हैं।

दूसरों के नाम पर विकास कार्यों के ठेके ले रहे कारपोरेटर : नगर निगम के कानून के तहत कारपोरेटर या उनके परिवार के सदस्य वार्ड में होने वाले विकास कार्यों के ठेके नहीं ले सकते हैं। चूंकि वार्ड में विकास कार्यों को करवाना कारपोरेटर का दायित्व है, विकास कार्यों की गुणवत्ता पर नजर रखना कारपोरेटर का ही काम है, लेकिन कुछ ऐसे कारपोरेटर भी हैं जो अपने रसूख से दूसरे के नाम पर अपने वार्ड में विकास कार्य का ठेका हासिल कर लेते हैं। निर्माण कार्य वह खुद ही करवा रहे हैं, जिनमें गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा। विकास कार्यों का पैसे नगर निगम की जेब से ही खर्च हो रहे हैं।

कारपोरेटर को वार्ड में ठेके लेने का अधिकार नहीं : नगर निगम जम्मू के एक अधिकारी ने बताया कि निगम के कानून के तहत कारपोरेटर जन प्रतिनिधि है। लोगों ने उसे उनकी भलाई के काम करवाने के लिए चुना है। वार्ड में निगम यदि कोई काम करवाता है, सफाई कर्मी नियुक्त करने के लिए एनजीओ को ठेका देता है तो उनके काम की गुणवत्ता का ध्यान रखना कारपोरेटर का जिम्मा है। ठेकेदार को धन राशि जारी करने के लिए कारपोरेटर से एनओसी लेनी होती है। ऐसे में यदि कारपोरेटर खुद की ट्रांसपोर्टर या ठेकेदार बन जाएगा तो विकास कार्य की गुणवत्ता का ध्यान कौन रखेगा।

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