Surya Grahan 2021: जम्मू-कश्मीर में नहीं दिखा सूर्यग्रहण लेकिन खूब हुआ दान पुण्य का कार्य

इस वर्ष का सूर्यग्रहण लगा लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह ग्रहण नहीं दिखा। बेशक ग्रहण यहां नहीं दिखा लेकिन सूतक काल का पूर्ण पालन किया गया।सूर्य ग्रहण दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से शुरू हुआ।ग्रहण की समाप्ती इसी दिन शाम 06 बजकर 41 मिनट पर होगी।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 03:34 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 03:34 PM (IST)
Surya Grahan 2021: जम्मू-कश्मीर में नहीं दिखा सूर्यग्रहण लेकिन खूब हुआ दान पुण्य का कार्य
इसका मध्य शाम 04 बजकर 12 मिनट पर होगा।

जम्मू, जागरण संवाददाता : इस वर्ष का सूर्यग्रहण लगा लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह ग्रहण नहीं दिखा। बेशक ग्रहण यहां नहीं दिखा लेकिन सूतक काल का पूर्ण पालन किया गया।लोगों ने खूब दान पुण्य किया गया।सूर्य ग्रहण दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से शुरू हुआ।इसका मध्य शाम 04 बजकर 12 मिनट पर होगा।ग्रहण की समाप्ती इसी दिन शाम 06 बजकर 41 मिनट पर होगी।

सूर्यग्रहण वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगा

यह सूर्यग्रहण वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगा। इस कंकण स्वल्पग्रास, सूर्यग्रहण का सूतक इसी दिन सुबह गुरुवार 05 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो गया। ग्रहण को देखते हुए ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद रहे। लोगों ने इसदौरान घरों में पूजा अर्चना की। दान का सामान ग्रहण के समय में निकाल दिया गया। बहुत से लोगों ने बच्चों को ग्रहण के दौरान पढ़ने के लिए बैठाए रखा।माना जाता है कि ग्रहण के दौरान पढ़ा हुआ याद रहता है।

यह ग्रहण सूर्यास्त के समय कुछ समय यानी करीब 19 मिनट के अत्यल्प ग्रास के रूप में दिखाई देगा 

भारत के सुदूर पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश एवं पाक अधिकृत कश्मीर के जिन स्थानों कंकण ;स्वल्पग्रास, सूर्यग्रहण के जिन स्थानों में यह ग्रहण सूर्यास्त के समय कुछ समय यानी करीब 19 मिनट के अत्यल्प ग्रास के रूप में दिखाई देगा। वहा पर ही जप तप, पूजा पाठ, दान पुण्य का सूतक आदि का विचार रहा।

इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या एवं श्री शनिदेव जी की जयंती भी है

इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या एवं श्री शनिदेव जी की जयंती भी है। इस दिन पूजा, पाठ, जप, तप, दान, पुण्य, व्रत आदि भी किया गया।ग्रहण सूतक को देखते हुए श्री जयंति के कार्यक्रम भी सुबह जल्द ही हो गए।जो भी दान पुणय किया गया। उसे ग्रहण के बाद दान कर दिया जाएगा। बहुत से लोग ग्रहण के दौरान जलस्रोतों में रहे। वहीं बहुत से लोगों ने ग्रहण के बाद जलस्रोतों एवं स्नान आदि की तैयारी कर रखी है। 

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