Coronavirus: कोविड मरीजों से जम्मू का SMGS अस्पताल हुआ खाली, यह है इसकी वजह

जम्मू में कोरोना के मरीजों की कम हो रही संख्या के कारण अब कई अस्पताल फिर से सामान्य गतिविधियां शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल भी शामिल है। इस अस्पताल में एक ही मरीज भर्ती रह गया था।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 08:55 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 08:56 PM (IST)
Coronavirus: कोविड मरीजों से जम्मू का SMGS अस्पताल हुआ खाली, यह है इसकी वजह
इस अस्पताल में एक ही मरीज भर्ती रह गया था।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू में कोरोना के मरीजों की कम हो रही संख्या के कारण अब कई अस्पताल फिर से सामान्य गतिविधियां शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल भी शामिल है। इस अस्पताल में एक ही मरीज भर्ती रह गया था। इसके बाद वीरवार को इस मरीज को राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में भेज दिया गया।

अब एसएमजीएस अस्पताल में कोविड का एक भी मरीज भर्ती नहीं है। अब अस्पताल के कोविड वार्ड को सामान्य वार्ड में तब्दील किया जा रहा है ताकि अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का इलाज हो सके। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. दारा सिंह ने भी सभी कोविड मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि अस्पताल अब अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के इलाज में जुट गया है। वहीं जीएमसी में भी अब चरणबद्ध तरीके से कोविड वाडों को सामान्य वाडों में तब्दील किया जा रहा है।

सभी अस्पताल करें दिशा निर्देशों का पालन

राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-सेहत जम्मू-कश्मीर ने उनके साथ पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों को इलाज के लिए जारी दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा। सात से दस जून तक आयोजित चार दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला के दौरान उन्होंने यह बात कही।

कार्यशाला का मकसद यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि दिशा निर्देशों काे जमीन पर लागू किया जा रहा है ताकि लाभार्थियों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े और वे आसानी से योजना का लाभ उठा सकें।इसमें यह भी कहा गया कि दिशा निर्देशाें के तहत कापी पर लिखी गई डिस्चार्ज की तारीख को वास्तविक डिस्चार्ज माना जाएगा और अस्पतालों को निर्देश दिया गया था कि वे डिस्चार्ज की उसी तारीख काे लिखें जो डिस्चार्ज सर्टिफिकेट में हो।

बीमा टीम को सख्ती से सलाह दी गई थी कि वह अस्पतालों से अनावश्यक पूछताछ न करें क्योंकि इससे उनके काम में बाधा आती है और उन्हें दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।

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