Jammu Kashmir : आतंकियों के मददगार छह सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया

इन कर्मचारियों की गतिविधियों पर काफी समय से नजर रखी जा रही थी। उनकी आतंकियों से सांठ-गांठ की पुष्टि होने के बाद उन्हें सेवा मुक्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के बाद संबंधित विभागों के कर्मचारियों में खलबली मची हुई है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 03:46 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 04:39 PM (IST)
Jammu Kashmir : आतंकियों के मददगार छह सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया
प्रदेश प्रशासन ने सभी सरकारी विभागों से आतंकियों की जड़ को समाप्त करने के लिए गुप्त अभियान छेड़ रखा है।

जम्मू, जेएनएन : जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने आतंकियाें के मददगार छह सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इन कर्मचारियों की गतिविधियों पर काफी समय से नजर रखी जा रही थी। उनकी आतंकियों से सांठ-गांठ की पुष्टि होने के बाद उन्हें सेवा मुक्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के बाद संबंधित विभागों के कर्मचारियों में खलबली मची हुई है। इस तरह के अन्य कर्मचारियों पर भी नजर रखी जा रही है।

अभी ताजा कार्रवाई में जिन छह कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया है, उनमें दो पुलिस विभाग मेें कार्यरत हैं और दो सरकारी अध्यापक हैं। एक वन विभाग में कार्यरत है और एक सड़क एवं भवन निर्माण विभाग का मुलाजिम है। इन सभी को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311-2सी के तहत सेवा मुक्त किया गया है। ये सभी जांच के दौरान राष्ट्रद्रोह और आतंकी वारदातों में लिप्त पाए गए हैं।

आतंकियों की मदद करने के आरोप में सेवामुक्त किए गए कर्मचारियों में दो शिक्षक बीजबेहाड़ा अनंतनाग का रहने वाला सरकारी अध्यापक अब्दुल हमीद वानी और बारामुला निवासी लियाकत अली ककरू शामिल हैं। जबकि दो पुलिस कर्मियों में बडगाम निवासी कांस्टेबल शौकत अहमद खान व किश्तवाड़ निवासी जफर हुसैन शामिल हैं। इनके अलावा भवन निर्माण विभाग में जूनियर असिस्टेंट किश्तवाड़ निवासी मोेहम्मद रफी बट और वन विभाग में रेंज अधिकारी पुंछ निवासी तारिक महमूद कोली भी नौकरी से कार्यमुक्त किए गए।

प्रदेश प्रशासन ने सभी सरकारी विभागों से आतंकियों की जड़ को समाप्त करने के लिए गुप्त अभियान छेड़ रखा है। हर कर्मचारी के कामकाज और उनकी हरकत पर पैनी नजर रखी जा रही है। बताया जा रहा है कि इसी कड़ी में अलग-अलग विभागों में तैनात छह कर्मचारियों की हरकत संदिग्ध लग रही थी। काफी समय से उन पर निगरानी रखी जा रही थी। इन कर्मचारियों का संपर्क आतंकियों से होने की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई अमल में लाई गई। प्रदेश प्रशासन की इस कार्रवाई की जद में कुछ और भी कर्मचारी आ सकते हैं।

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