Jammu Kashmir: कोट भलवाल जेल से एक बार फिर बरामद हुए सिम कार्ड-मोबाइल फोन, पढ़ें इससे पहले कब-कब सुर्खियों में रही है यह जेल

देश की अति संवेदनशील जेलों में शामिल जम्मू की कोट भलवाल जेल एक बार फिर सुर्खियों में है। इस जेल से सीआइडी सीआइ विंग ने छापेमारी कर वहां से मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए हैं।मोबाइल फोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल जेल में बंद कैदी कर रहे थे

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 09:05 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 09:05 PM (IST)
Jammu Kashmir: कोट भलवाल जेल से एक बार फिर बरामद हुए सिम कार्ड-मोबाइल फोन, पढ़ें इससे पहले कब-कब सुर्खियों में रही है यह जेल
देश की अति संवेदनशील जेलों में शामिल जम्मू की कोट भलवाल जेल एक बार फिर सुर्खियों में है।

जम्मू, जागरण संवाददाता । देश की अति संवेदनशील जेलों में शामिल जम्मू की कोट भलवाल जेल एक बार फिर सुर्खियों में है। इस जेल से सीआइडी, सीआइ विंग ने छापेमारी कर वहां से मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए हैं। इन मोबाइल फोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल जेल में बंद कैदी पिछले लंबे समय से कर रहे थे जिनमें से कुछ हिस्ट्रीशीटर रंगदारी का धंधा भी चला रहे थे।

जम्मू के जाने माने ठेकेदार नागर सिंह के घर के बाहर गोलियां चलाने के मामले के बाद दैनिक जागरण ने खुलासा किया था कि इस हमले के पीछे अमनदीप हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा रायल सिंह है जो कोट भलवाल जेल के अंदर से ही रंगदारी का धंधा चला रहा है। जागरण के खुलासे के बाद पुलिस ने जब इस थ्यूरी पर काम शुरू किया तो पता चला कि कोट भलवाल जेल के दो स्टाफ सदस्य गुरप्रीत और कुलदीप भी रायल सिंह को सहयोग कर रहे हैं और उन्हीं की मदद से वह जेल से मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर अपने गुर्गों को आदेश दे रहा है। इस गोलीकांड में दोनों जेल कर्मियों सहित कुल 16 लोग पुलिस ने गिरफ्तार किए।

बताया जा रहा है कि और आरोपित कर्मी कुलदीप कुमार की निशानदेही पर जम्मू कश्मीर की काउंटर इंटेलिजेंस ने रविवार को जेल में छापेमारी कर वहां से सिम व मोबाइल फोन बरामद किए हैं। अभी इस मामले में जेल के कुछ और अधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से भी पुलिस इंकार नहीं कर रही है। यह ऐसा पहला मामला नहीं है कि इस अति संवदेशनशील जेल से मोबाइल फोन या सिम कार्ड मिले हों।

इससे पहले वर्ष 2019 में भी इसी जेल से मोबाइल फोन व सिमकार्ड कैदियों से बरामद हो चुके हैं जबकि इससे पहले भी वर्ष 2006 में कैदियों के पास से मोबाइल फोन मिलने से पूरा जेल विभाग हिल गया था। उस समय कई जेल अधिकारियों व स्टाफ सदस्यों पर गाज गिरी थी। कोट भलवाल जेल में मसूद अजहर जैसे आतंकियों को भी रखा जा चुका है। मौजूदा समय भी जेल में पांच सौ से ज्यादा कैदी इस जेल में बंद हैं जिनमें कुछ पाकिस्तानी भी शामिल हैं। ऐसे में जेल से सिम व मोबाइल फोन मिलने की इन घटनाओं को सुरक्षा एजेंसियां खतरनाक मान रही हैं।

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