जम्मू-कश्मीर में आनंद मैरिज एक्ट के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा सिख समुदाय
Anand Marriage Act in Jammu Kashmir जम्मू कश्मीर में अभी तक सिख समुदाय की शादियां हिंदू मैरिज एक्ट के तहत ही पंजीकृत हो रही हैं। पिछले कई सालों से सिख संगठन इस मामले को सरकार के समक्ष उठाते आ रहे हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद भी अभी तक आनंद मैरिज एक्ट लागू नहीं हो पाया है। पूर्व यूपीए सरकार के समय में संसद ने सात जून 2012 को आनंद मैरिज एक्ट पारित किया था। इसके तहत देश में सिख समुदाय की शादियां आनंद मैरिज एक्ट के तहत पंजीकृत होना शुरू हो गई थी लेकिन जम्मू कश्मीर में यह कानून उस समय इसलिए लागू नहीं हो पाया था क्योंकि उस समय जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 होता था।
पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया। उसके बाद 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन हो गया। जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। जम्मू कश्मीर में सिलसिलेवार तरीके से केंद्रीय कानून लागू किए गए मगर आनंद मैरिज एक्ट का कानून अभी तक लागू नहीं हुआ है।
जम्मू कश्मीर में अभी तक सिख समुदाय की शादियां हिंदू मैरिज एक्ट के तहत ही पंजीकृत हो रही हैं। सिख संगठन इस मामले को सरकार के समक्ष उठाते आ रहे हैं। अभी हाल ही में सिख प्रोग्रेसिव फ्रन्ट के प्रधान बलविंद्र सिंह ने हाल ही में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष इस मामले को उठाया है। बलविंद्र सिंह ने कहा कि जब जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है और सारे केंद्रीय कानून लागू हो गए है तो फिर आनंद मैरिट एक्ट को अभी तक लागू नहीं किया गया है। उन्हें उपराज्यपाल से आश्वासन मिला है कि सरकार जल्द ही इसे लागू कर देगी।
वहीं नेशनल सिख फ्रन्ट के चेयरमैन वीरेंद्र जीत सिंह का कहना है कि जब सारे केंद्रीय कानून लागू हो चुके तो आनंद मैरिज एक्ट लागू करने में क्या परेशानी है। यह कानून तो स्वयं ही लागू हो जाना चाहिए था क्योंकि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हट चुका है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को केंद्र के पास उठाएंगे। जम्मू कश्मीर गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के प्रधान टीएस वजीर का कहना है कि आनंद मैरिज एक्ट को जल्द लागू किया जाए।