Jammu: श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी से शुरू हुई संस्कृत में मास्टर्स डिग्री

महंत रोहित शास्त्री ने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी जी के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय उपकुलपति प्रो. आर के सिन्हा के आदर्शों के अनुरूप ही आगे बढ़ रहा है। निश्चित रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 02:39 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 02:39 PM (IST)
Jammu: श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी से शुरू हुई संस्कृत में मास्टर्स डिग्री
दिन प्रतिदिन विश्वविद्यालय प्रगति पथ पर अग्रसर है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : संस्कृत का बढ़ावा देने के लिए पहले से ही गुरूकुल और संस्कृत कालेज करने के बाद अब माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के आग्रह पर श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी से संस्कृत में मास्टर्स डिग्री शुरू की है। संस्कृत में मास्टर्स डिग्री करने का श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट ने स्वागत किया है ।

ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ने श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय ककड़याल कटडा के उपकुलपति पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रो. आर के सिन्हा से मुलाकात कर उन्हें शिवमहापुराण भेंट किया तथा उनके एवं जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय में वैदिक अध्ययन एवं संस्कृत विभाग खोलने के ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत किया।

शास्त्री ने कहा कि उनका यह प्रयास वैदिक संस्कृति और प्राचीन संस्कृत की मूलभूमि माने जाने वाले इस जम्मू कश्मीर राज्य के लिए अत्यन्त श्रेयस्कर सिद्ध होगा ।खासकर रियासी, ऊधमपुर, किश्तवाड़, डोडा, रामबन आदि पहाड़ी एवं दूरदराज़ इलाकों के छात्रों को इससे संस्कृत अध्ययन का सुअवसर प्राप्त होगा । जिससे संस्कृत का प्रसार जम्मू कश्मीर के सुदूर इलाकों में भी सुगमता से हो सकेगा ।

महंत रोहित शास्त्री ने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी जी के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय उपकुलपति प्रो. आर के सिन्हा के आदर्शों के अनुरूप ही आगे बढ़ रहा है। निश्चित रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। दिन प्रतिदिन विश्वविद्यालय प्रगति पथ पर अग्रसर है। इसके लिए समस्त विश्वविद्यालय परिवार बधाई का पात्र है ।

इस विश्वविद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को कहना चाहता हूं कि यहां से शिक्षा पाने वाले छात्र छात्राएं अपने ही देश में रहकर अपने अर्जित ज्ञान से भारतीय समाज और राष्ट्र की सेवा को प्राथमिकता दें । 

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