Jammu Kashmir: 18 मई को मनाई जाएगी श्री गंगा जयंती, पूजन व गंगा स्नान करने से यश व सम्मान में वृद्धि होती है
इस वर्ष श्री गंगा जयंती 18 मई मंगलवार को मनाई जाएगी।वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को श्री गंगा जयंती मनाई जाती है। इस दिन मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं।
जम्मू, जागरण संवाददाता : इस वर्ष श्री गंगा जयंती 18 मई मंगलवार को मनाई जाएगी।वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को श्री गंगा जयंती मनाई जाती है। इस दिन मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं। इसलिए इस दिन को श्री गंगा सप्तमी या श्री गंगा जयंती के रूप में जाना जाता है।
मां गंगा का पूजन व गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है
इस विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि श्री गंगा जयंती के दिन जो भक्तगण मां गंगा नदी तक नहीं पहुंच सकते। वह पास के किसी तालाब, घर में नदी या जलाशय में मां गंगा का ध्यान करते हुए श्री गंगा जयंती का पूजन संपन्न कर सकते हैं।श्री गंगा जयंती के दिन स्नान, तर्पण करने से मनुष्य के शारीरिक, मानसिक और भौतिक पाप नष्ट होते हैं। श्री गंगा जयंती के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मां गंगा का पूजन व गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है और यश व सम्मान में वृद्धि होती है।इस दिन दान में सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। कोरोना महामारी के चलते घर में ही गंगा जल डालकर स्नान एवं दान करें। इस दिन श्री रामानुजाचार्य जयंती एवं भगवान चित्रगुप्त जयंती भी मनाई जाएगी।
धर्मग्रंथों के अनुसार ऋषि भागीरथ के पूर्वजों की अस्तियों को विसर्जित करने के लिए उन्हें बहते हुए निर्मल जल की आवश्यकता थी।जिसके लिए उन्होंने मां गंगा की कड़ी तपस्या की जिससे मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हो सके। श्री गंगा जी ने प्रसन्न होकर धरती पर अवतरित होने की बात मान ली।लेकिन उनका वेग इतनी तीव्र था कि धरती पर आने से प्रलय आ सकता था। तब भगवान शिव ने वैशाख शुक्ल सप्तमी को मां गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया।जिससे उनका वेग कम हो गया। तब से इस दिन को श्री गंगा सप्तमी या श्री गंगा जयंती के रूप में मनाते हैं।
जिस दिन गंगा जी पृथ्वी पर अवतरित हुई वह दिन श्री गंगा दशहरा, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के नाम से जाना जाता है।इस वर्ष श्री गंगा दशहरा 20 जून रविवार को होगा।श्री गंगा जयंती के दिन जो भी व्यक्ति पानी में श्री गंगा जल मिलाकर गंगा मंत्र का दस बार जाप करते हुए स्नान करता है, चाहे वो दरिद्र हो, असमर्थ हो वह भी गंगा की पूजा कर पूर्ण फल को पाता है।