Jammu Kashmir : शोपियां कालेज का नाम बदलकर शहीद इम्तियाज अहमद ठोकर कालेज रखा गया

Shaheed Imtiyaz Ahmad Thokar 27 वर्षीय इम्तियाज अहमद ठोकर 24 फरवरी 2015 को सोपोर के चिंकीपोरा इलाके में आतंकियों के साथ 18 घंटे चली मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। इम्तियाज के साथ कैप्टन देवेंद्र सिंह और सिपाही नाइक सेलवा कुमार ने भी शहादत पाई थी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 08:20 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 08:20 AM (IST)
Jammu Kashmir : शोपियां कालेज का नाम बदलकर शहीद इम्तियाज अहमद ठोकर कालेज रखा गया
शोपियां जिला कभी आतंक से काफी प्रभावित रहा है।

श्रीनगर, संवाद सहयोगी : दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में स्थित सरकारी डिग्री कालेज अब शहीद इम्तियाज अहमद ठोकर मेमोरियल माडल डिग्री कालेज के नाम से जाना जाएगा। इससे पहले इसी वर्ष जून में अनंतनाग जिले के काजीगुंड में स्थित सेना के एक आर्मी गुडविल स्कूल वुजर का नाम शहीद लांस नाइक नजीर अहमद वानी आर्मी गुडविल स्कूल रखा गया था।

देश के लिए शहादत देने वालों को नमन करने के लिए जम्मू कश्मीर में शिक्षण संस्थानों के नाम शहीदों के नाम पर रखे जा रहे हैं, ताकि स्थानीय युवा उनसे प्रेरणा ले सकें। इसके लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है, जो इस प्रकिया को आगे बढ़ा रही है।

इसी कड़ी में वीरवार को शोपियां कालेज में एक भव्य समारोह आयोजित कर कालेज का नामकरण शहीद स्थानीय सैन्य कर्मी के नाम पर रखा गया। इस अवसर पर पुलिस व सेना के उच्चाधिकारियों के अलावा शहीद जवान के परिजन भी उपस्थित रहे।

पांच आतंकियों को मार गिराने में शामिल थे इम्तियाज : 27 वर्षीय इम्तियाज अहमद ठोकर 24 फरवरी, 2015 को उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर के चिंकीपोरा इलाके में आतंकियों के साथ 18 घंटे चली मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। इम्तियाज के साथ कैप्टन देवेंद्र सिंह और सिपाही नाइक सेलवा कुमार ने भी शहादत पाई थी। मुठभेड़ में इम्तियाज और अन्य जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर व हरकतुल मुजाहिदीन से संबंधित पांच आतंकियों को मार गिराया था। सेना के फस्र्ट पैरा से संबंधित इम्तियाज के तीन बड़े भाई भी सेना में हैं। इम्तियाज वर्ष 2008 में मुंबई के ताज होटल पर आतंकी हमले के दौरान भी दहशतगर्दों के खिलाफ चलाए गए आपरेशन में शामिल थे।

शोपियां में बदलाव की बयार : शोपियां जिला कभी आतंक से काफी प्रभावित रहा है। अनगिनत मुठभेड़ और कई आतंकियों के मारे जाने वाले इस जिले में अब बदलाव की बयार बह रही है। हालात पहले से काफी साजगार हैं। शोपियां कालेज का नाम शहीद के नाम पर रखा जाना इसका प्रमाण है।  

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