Jammu : बिना अनुमति लंबे समय तक गैरहाजिर रहनेे वाले पांच अध्यापकों की सेवा समाप्त
बर्खास्त शिक्षकों में एक प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी पाने वाला विस्थापित कश्मीरी पंडित है और बिना अनुमति लिए विदेश जाने वाली तीन अध्यापिकाएं भी शामिल हैं। इन सभी को अपना पक्ष रखने के लिए नियमों के तहत पूरा मौका भी दिया गया
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : बारबार चेतावनी के बाजवूद बिना अनुमति अवकाश पर चल रहे पांच अध्यापकों की सेवाएं प्रदेश सरकार ने समाप्त कर दी हैं। इनमें एक प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी पाने वाला विस्थापित कश्मीरी पंडित है और बिना अनुमति लिए विदेश जाने वाली तीन अध्यापिकाएं भी शामिल हैं। इन सभी को अपना पक्ष रखने के लिए नियमों के तहत पूरा मौका भी दिया गया, लेकिन इन शिक्षकों ने समय पर उचित जवाब नहीं दिया, जिसके चलते कार्रवाई की गई।
जम्मू कश्मीर नागरिक सेवा नियम, खंड-एक, वर्ष 1956 के अनुच्छेद 113 के मुताबिक अगर कोई सरकारी अधिकारी या कर्मी बिना अनुमति पांच साल या उससे ज्यादा समय तक ड्यूटी से गैरहाजिर रहता है तो उसे सरकारी सेवा से बाहर माना जाता है। अनुच्छेद 128 के मुताबिक, बिना अनुमति और बिना अवकाश प्राप्त किए ड्यूटी से गैरहाजिर रहने या फिर अनुमोदित अवकाश की समाप्ति के बाद भी ड्यूटी पर रिपोर्ट न करने पर सेवा समाप्ति का प्रविधान है।
स्कूल शिक्षा निदेशालय कश्मीर के मुताबिक, प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत अविनाश पंडिता ने जिला कुपवाड़ा में शिक्षा विभाग में तीन जून 2011 को नौकरी प्राप्त की। वह 20 जून 2011 को मुख्य शिक्षाधिकारी कुपवाड़ा के कार्यालय में ड्यूटी पर हाजिर होने के लिए सभी दस्तावेज जमा कराए और इसके अगले ही दिन से वह गैरहाजिर हो गया। 10 साल बाद चार फरवरी, 2021 को ड्यूटी पर लौटने का प्रयास किया। इसके मामले पर 27 नवंबर, 2021 को विभागीय समिति ने विचार किया, जिसमेें उसे बर्खास्त करने पर सहमति बनी।
उत्तरी कश्मीर के जिला बांडीपोर के मिडल स्कूल अष्टेंगू में तैनात अध्यापिका शाहिदा जरगर पहली अक्टूबर 2016 से 14 जून, 2017 तक बिना किसी सूचना स्कूल से गैर हाजिर रही। इसके बाद वह 10 अक्टूबर, 2017 से 20 दिसंबर, 2015 तक फिर बिना अवकाश गैरहाजिर रही। फिर इसी साल 21 अप्रैल से वह फिर से ड्यूटी से नदारद है। कई बार नोटिस दिया गया और अब सेवा मुक्त कर दिया गया। वहीं जिला गांदरबल के मिडिल स्कूल हकनार में आरिफ अकबर बट 13 जनवरी, 2015 को नियुक्त हुआ था। दो फरवरी, 2015 से वह गैरहाजिर है। मुख्य शिक्षाधिकारी गांदरबल ने छह सितंबर 2021 को अंतिम नोटिस जारी किया था। सात सितंबर को अधिकारियों के समक्ष पेश हुआ। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
बिना अवकाश तीन शिक्षिकाएं चली गईं थी विदेश : जिला बड़गाम के मिडिल स्कूल डांगरपोरा की अध्यापिका सायमा मुश्ताक फारुकी ने इंग्लैंड जाने के लिए अवैतनिक अवकाश के लिए 23 फरवरी 2018 को आवेदन किया था। अनुमति मिली नहीं और वह करीब एक साल बाद ड्यूटी पर लौटी। फिर आठ मार्च, 2019 से 30 जुलाई 2019 तक फिर गैरहाजिर रही। इस दौरान वह विदेश में थी। पहली जनवरी, 2020 से गैरहाजिर होकर विदेश चली गई।
इसी तरह गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, सौरा श्रीनगर की अध्यापिका आस्मा कौंसर ने पहली जुलाई 2017 को लंदन जाने के लिए अवकाश लिया। लेकिन शर्त था कि वह अवकाश को बढ़ाएगी नहीं, पर वह गैरहाजिर रही। उसे डयूटी पर लौटने और अपना पक्ष रखने के लिए बार बार नोटिस भेजा गया, विभिन्न माध्यमों से उसे सूचित किया गया, लेकिन उसने केाई जवाब नहीं दिया। अंतत: विभाग ने संबधित नियमों के तहत तीन दिसंबर 2021 को उसकी भी सेवाएं समाप्त कर दी। इसी तरह बिना अनुमति पहली सितंबर, 2018 को दुबई जाने वाली हांजीपोरा तारजु सोपोर बॉयज मिडिल स्कूल की अध्यापिका कुलसूम कादिर भी ड्यूटी से गैरहाजिर है। उसे भी बार बार नोटिस भेजा गया और आखिरकार सेवा समाप्त कर दी गई।