सुरक्षा वापसी पर अलगाववादी तिलमिलाए, भाजपा उत्साहित

राज्य ब्यूरो जम्मू राज्य में चुनावी माहौल के बीच पुलवामा हमले के बाद अलगाववादियों की सुरक्षा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 02:31 AM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 02:31 AM (IST)
सुरक्षा वापसी पर अलगाववादी  तिलमिलाए, भाजपा उत्साहित
सुरक्षा वापसी पर अलगाववादी तिलमिलाए, भाजपा उत्साहित

राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य में चुनावी माहौल के बीच पुलवामा हमले के बाद अलगाववादियों की सुरक्षा वापस लेने का मुद्दा हावी रहेगा। सुरक्षा वापस लेने से कश्मीर में पाकिस्तान के एजेंडे को प्रभावी बनाने वाले अलगाववादी तिलमिलाए हुए हैं। वहीं, राष्ट्रपति शासन में इस फैसले से भाजपा उत्साहित है। पार्टी ने इस मुद्दे को तूल देना शुरू कर दिया है।

भाजपा का कहना है कि जिन लोगों की सुरक्षा वापस ली गई है, वे या तो देश के खिलाफ काम कर रहे थे या फिर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे थे। एक सप्ताह के अंदर राज्यपाल प्रशासन ने न सिर्फ दो दर्जन के करीब अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ली है बल्कि राजनीतिक पार्टियों के नेताओं व कार्यकर्ताओं समेत 155 लोगों की सुरक्षा भी वापस लेने और घटाने का फैसला किया है। जम्मू कश्मीर में अपनी तरह की इस पहली बड़ी कार्रवाई से आम लोग खुश हैं।

वीरवार को सोशल साइटों पर अलगाववादियों की सुरक्षा वापस लेने के समर्थन में लोगों की प्रतिक्रियाओं की भरमार रही। ऐसे हालात में प्रदेश भाजपा ने यह मुद्दा जोरशोर से उठाया कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के दायरे में रहते हुए देश के खिलाफ साजिश रचने वाले बख्शे नहीं जाने चाहिए।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने अलगाववादियों की सुरक्षा वापस लेने के फैसले की सराहना करते हुए स्पष्ट किया कि जो राज्य में पाकिस्तान का समर्थन करते हैं, उन्हें कड़ा सबक मिलना चाहिए। वह वीरवार को पार्टी मुख्यालय में पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। रैना ने कहा कि जिन अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ली गई है, वे जम्मू कश्मीर में बेगुनाह लोगों का खून बहाने की साजिशें करते आए हैं। उनकी सुरक्षा से वापस आए एक हजार से अधिक पुलिस कर्मी अब देश विरोधी तत्वों के खिलाफ जारी मुहिम का हिस्सा बनेंगे। रैना ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद भाजपा लगातार यह मुद्दा उठा रही थी कि अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ली जानी चाहिए। इन अलगाववादियों ने ही कश्मीर के युवाओं के हाथों से किताबें छुड़वा कर उन्हें बंदूकें थमाने की कोशिश की है। वे पाकिस्तान के एजेंट बनकर कश्मीर को तबाह करने की कोशिश में हैं। उनके खिलाफ लंबित मामलों का जल्द निपटारा किया जाए।

कश्मीर केंद्रित राजनीतिक पार्टियों को आड़े हाथ लेते हुए रविंद्र रैना ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस व पीडीपी के नेता भी पाकिस्तान और राज्य में उसके द्वारा प्रायोजित आतंकियों के प्रति नरम रवैया रखते हैं। यही कारण है कि वे कश्मीर में शहीद होने वाले मोहम्मद अयूब पंडित जैसे लोगों के घरों में नहीं जाते हैं।

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