Encounter in Kashmir : उड़ी दोहराने की साजिश फिर नाकाम, तीन आतंकी नियंत्रण रेखा पर ही ढेर
मारे गए आतंकियों से पांच एसाल्ट राइफल आठ पिस्तौल 70 ग्रेनेड और अन्य साजो सामान भी बरामद किया गया है। हथियारों के जखीरे को देखकर कहा जा सकता है कि यह आतंकी बड़े हमले को अंजाम देने के लिए घुसे थे। मुठभेड़ में एक जवान भी जख्मी हो गया।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : उड़ी जैसा हमला दोहराने की एक और साजिश को सेना ने नाकाम बना दिया है। भारी असले के साथ घुसे पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकियों को सुरक्षाबलों ने बृहस्पतिवार को उड़ी में नियंत्रण रेखा के पास ढेर कर दिया। मारे गए आतंकियों से पांच एसाल्ट राइफल, आठ पिस्तौल, 70 ग्रेनेड और अन्य साजो सामान भी बरामद किया गया है। मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी जख्मी हो गया। यहां बता दें कि 18 सितंबर 2016 को आतंकियों ने उड़ी में ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हमला किया था। उस हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे और चारों आतंकवादी मारे गए थे।
बीते पांच दिन में उड़ी सेक्टर में यह दूसरी घुसपैठ है। इससे पूर्व रविवार को भी उड़ी सेक्टर में अंगूरी पोस्ट के इलाके में आतंकियों ने घुसपैठ का प्रयास किया था।
सैन्य अधिकारियों के अनुसार वीरवार की सुबह छह बजे रामपुर सब सेक्टर के अंतर्गत हथलंगा में एलओसी के अग्रिम छोर पर गश्त कर रहे सैन्यकर्मियों ने पांच आतंकियों को भारतीय इलाके में घुसपैठ करते देखा। जवानों ने उसी समय समय आस-पास की चौकियों को सचेत करते हुए उनकी घेराबंदी शुरू दी। आतंकियों के करीब आते ही जवानों ने उन्हें ललकारा और आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। इस पर घुसपैठियों ने फायरिंग शुरू कर दी। चार घंटे तक चली मुठभेड़ में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। उनके दो साथी बचकर निकलने में कामयाब रहे।
पत्रकारों को संबोेधित करते हुए सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने बताया कि घुसपैठ में पांच आतंकी शामिल थे। तीन आगे चल रहे थे और वे मार गिराए गए। दो पीछे थे, वे शायद वापस भाग गए हैं। फिलहाल, एहतियात के तौर पर पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया है। कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार भी पत्रकार वार्ता में उपस्थित थे।
रविवार को भी एलओसी पर रोक लिए गए थे आतंकी : रविवार को हुई घुसपैठ के बारे में पूछे उन्होंने कहा कि घुसपैठियों को एलओसी पर ही रोक लिया गया था। मुठभेड़ के दौरान वह वापस भागने में कामयाब रहे। इसके बावजूद हमने पूरे उड़ी सेक्टर में घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान को जारी रखा हुआ है।
यह हथियार व सामान बरामद
हर साजिश का जवाब देने के लिए सेना है तैयार@ChinarcorpsIA @NorthernComd_IA #uri pic.twitter.com/kd7g96bFCM— Anil Gakkhar (@AnilGakkhar) September 23, 2021
उड़ी की बरसी पर करना चाहते थे हमला
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार आतंकी उड़ी जैसा ही हमला करना चाहते थे। 18 सितंबर 2016 को हुए हमले में आतंकी उसी दिन नियंत्रण रेखा पार कर आए थे और भारतीय सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला बोला था। भारतीय सेना ने गुलाम कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर दस दिन में उड़ी का बदला ले लिया था।
उड़ी की बरसी पर ही यह हमला करने की तैयारी थी। पर पहली कोशिश 19 सितंबर को हुई पर सेना के कड़े प्रतिरोध के बाद यह वापस भाग गए। दूसरी घुसपैठ वीरवार को हुई और यहां भी सुरक्षा बलों ने उनके मंसूबों को नाकाम बनाते हुए तीन आतंकियों को ढेर कर दिया।
मारे गए आतंकियों में एक पाकिस्तानी
कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने कहा कि उड़ी में मारे गए तीन आतंकियों में एक पाकिस्तानी है। अन्य दो की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। शुरुआती जांच में वह भी पाकिस्तानी ही नजर आते हैं।कोर कमांडर ने कहा कि एक बार फिर साबित हो गया है कि पाकिस्तान जंगबंदी की आड़ में आतंकियों को आज भी कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए पूरा समर्थन दे रहा है।
यह भी पढ़ें- त्यौहारी सीजन में हमले कर सकते हैं पाकिस्तानी और अफगान आतंकी, खुफिया एजेंसियों का अलर्ट