Jammu Kashmir: घुसपैठ के रास्तों पर आतंकवादियों का इंतजार कर रही मौत, सेना-सीमा सुरक्षा बल ने मिलकर बिछाया जाल
पूर्वी लद्दाख के गलवन में उपजे हालात में सेना ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर व लद्दाख में अपने सर्तकता के स्तर को और बेहतर बना दिया था।
जम्मू, विवेक सिंह: बरसात के दिनों में जम्मू संभाग में घुसपैठ करने की फिराक में बैठे आतंकवादियों का अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर मौत इंतजार कर रही है। आतंकवादियों से दो कदम आगे रहने वाली सेना, सीमा सुरक्षाबल (BSF) ने दुश्मन की चालों को ध्यान में रखते हुए उन्हें घेरने के लिए जाल बिछा रखा है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सेना, सीमा सुरक्षाबल ने जम्मू संभाग में 192 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एक दर्जन ऐसे स्थान चिन्हित किए हैं यहां से आतंकवादी घुसपैठ करने की कोशिश कर सकतें हैं। ये अधिकतर स्थान कठुआ, सांबा व जम्मू जिले में नदी, नालों से सटे हुए हैं। जम्मू दौरे पर आए थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने ने सोमवार को आईबी पर ऐसे स्थानों पर दुश्मन को घेरने की तैयारियों की समीक्षा की थी। कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह व सीमा सुरक्षाबल जम्मू फ्रंटियर के आईजी एनएस जम्वाल ने भी अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) का दौरा कर सभी जिलाें में घुसपैठ निरोधक तंत्र को और पुख्ता बनाने की दिशा में कार्रवाई की थी।
सीमा पर घुसपैठ को नाकाम बनाने की दिशा में सीमा सुरक्षा बल ने अहम भूमिका निभाई है। जब पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण पाकिस्तानी रेंजर्स की बुनियाद हिला रहा तो उस समय सीमा सुरक्षाबल सीमा से सटे इलाकों की सफाई कर रही थी। पाकिस्तान की ओर से एतराज करने, गोलीबारी करने के बाद भी सीमा प्रहरियों की मुहिम चलती रही है। ऐसे में सांबा सेक्टर में बसंतर नदी के पास सीमा सुरक्षाबल ने पांच सौ कनाल जमीन से सरकंडे हटाकर इसे खेती लायक बना दिया। यह वही जगह थी यहां बाढ़ से फैंसिंग को नुकसान होने के बाद सरकंडों की आड़ में घुसपैठ की कोशिशें होती थी।
पूर्वी लद्दाख के गलवन में उपजे हालात में सेना ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर व लद्दाख में अपने सर्तकता के स्तर को और बेहतर बना दिया था। ऐसे में चीन के बाद पाकिस्तान को भी यह स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि अब जवाबी कार्रवाई घातक होगी। राजौरी पुंछ में नियंत्रण से पाकिस्तान को पहले से मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। अब आर्मी चीफ ने मंगलवार को सेना की पश्चिमी का दौरा समेटने से पहले आईबी की सुरक्षा में तैनात जवानों को भी पाकिस्तान की ओर से किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने के लिए खुली छूट दी है।
सीमा सुरक्षाबल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जागरण को बताया कि आतंकवाद के समूल नाश के लिए बनी रणनीति के तहत सेना, सीमा सुरक्षा बल व जम्मू कश्मीर पुलिस मिलकर काम कर रहे हैं। सरहद पर घुसपैठ पर अंकुश लगाने के बाद सक्रिय आतंकवादियों को मार गिराने के साथ जमीनी पर उन्हें सहयोग देने वाले ओवरग्राउंड वर्करों को निष्क्रिय किया जा रहा है। यह रणनीति कारगर साबित हो रही है। हताशा में आतंकववादियों का कश्मीर में आम लोगाें को निशाना बनाना इसका सबूत है। आने वाले दिनों में आतंकवादियों को घेरने के दायरे को और सख्त बनाया जाएगा।
क्या हैं मौसम की चुनौतियां: बरसात के दिनों में बाढ़ से नदी, नालों पर फैंसिंग क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसके साथ नदी से सटे इलाकों में जल स्तर कम होने से कई घुसपैठ के रास्ते बन जाते हैं। बारिश के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर दूर तक देखना संभव नही होता है। ऐसे में कई बार आतंकवादी बारिश के बीच घुसपैठ करने के लिए कोशिशें करते हैं।
कैसे किया जाता है सामना: सीमा सुरक्षा बल ने इस चुनौती का सामना करने के लिए संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा ग्रिड को और पुख्ता बनाया है। नदी, नालाें से लगते इलाकों में अतिरिक्त कंटीली तारें बिछाई गई हैं। इसके साथ इन जगहाें पर घुसपैठ को रोकने के लिए बेतहर तकनीकी सर्वेलांस का सहारा लिया जा रहा है। संवेदनशील जगहों पर जवानों की तैनात बढ़ाने के साथ ड्रोन की मदद से भी सरहद के हर हिस्सें पर नजर रखी जा रही है।