Light Rail Metro in Jammu : जमीन की तलाश शुरू, डिवकॉम ने कमेटी गठित की, डीसी जम्मू की निगरानी में होंगे कार्य, तीन माह में रिपोर्ट देगी कमेटी

जम्मू में लाइट रेल मेट्रो चलाने के प्रोजेक्ट की तैयारी तेजी से शुरू हो गई है। मेट्रो के लिए भूमि व ढांचों का आकलन करने के लिए कमेटी गठित की है जो करीब तीन माह में अपनी रिपोर्ट देगी

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sun, 15 Dec 2019 12:50 PM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 12:50 PM (IST)
Light Rail Metro in Jammu : जमीन की तलाश शुरू, डिवकॉम ने कमेटी गठित की, डीसी जम्मू की निगरानी में होंगे कार्य, तीन माह में रिपोर्ट देगी कमेटी
Light Rail Metro in Jammu : जमीन की तलाश शुरू, डिवकॉम ने कमेटी गठित की, डीसी जम्मू की निगरानी में होंगे कार्य, तीन माह में रिपोर्ट देगी कमेटी

जम्मू, राज्य ब्यूरो । जम्मू में लाइट रेल मेट्रो चलाने के प्रोजेक्ट की तैयारी तेजी से शुरू हो गई है। मेट्रो के लिए भूमि व ढांचों का आकलन करने के लिए कमेटी गठित की है जो करीब तीन माह में अपनी रिपोर्ट देगी। शनिवार को डिवीजनल कमिश्नर जम्मू संजीव वर्मा ने जम्मू शहर में डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता में कमेटी के गठन का फैसला किया।

तीन माह में रिपोर्ट देगी कमेटी, पहली चरण जम्मू से होगा शुरू

प्रोजेक्ट को लेकर बैठक में अधिकारियों ने बताया कि शहर में लाइट मेट्रो एलीवेटेड कॉरिडोर बनतालाब से बड़ी ब्राहृाणा रेलवे स्टेशन को जोड़ेगा। इसकी कुल लंबाई 23 किलोमीटर होगी। इसे पहले चरण में शुरू किया जाएगा। दूसरे चरण में प्रदर्शनी मैदान से उदयवाला और प्रदर्शनी मैदान में सतवारी चौक को जोड़ा जाएगा।

डिवीजनल कमिश्नर ने कहा कि पहले चरण के प्रोजेक्ट के अधीन आने वाले बिजनेस, घरों और संस्थानों की भूमि ढांचों का आकलन किया जाए। कमेटी के अध्यक्ष जम्मू के डीसी होंगे। एसडीएम दक्षिण, उत्तरी के अलावा लोक निर्माण विभाग, पीडीडी, पीएचई और अन्य संबधित विभागों के अधिकारी होंगे जो भूमि की पहचान करेंगे। वे पता लगाएंगे कि प्रोजेक्ट के लिए कितनी जमीन चाहिए। बैठक में डिप्टी कमिश्नर जम्मू सुषमा चौहान, मास रेपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन जम्मू और मेट्रो रेल ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के सीईओ राजीव रंजन, एसएसपी जम्मू तेजेंद्र सिंह और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

सब्जी मंडी परेड के विस्तार पर भी समीक्षा 

डिवीजनल कमिश्नर ने सब्जी मंडी परेड के विस्तार के लिए योजना की समीक्षा की। पार्किंग के लिए जगह, दुकानों और अन्य पहलुओं पर विचार विमर्श किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे संयुक्त रूप से सब्जी मंडी परेड का दौरा कर योजना का जायजा लें। बैठक में तवी फ्रंट के सौंर्दियकरण, फ्लाई ओवर के पोल पर पेंटिंग करने, तवी नदी पर रेलिंग, लाइटें और मंदिर के नजदीक बैठने की जगह को साफ करने जैसे मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया गया।

10 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट 

10 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट होगा। जम्मू व श्रीनगर में इसके लिए पहले चरण में दो-दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे और करीब 25-25 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। पहले चरण का काम पूरा होने में करीब पांच साल का समय लगेगा।

मेट्रो का एडवांस वर्जन है लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम

जम्मू में पहले मेट्रो चलाने का प्रस्ताव था, जिसे खारिज कर दिया गया। मेट्रो की अधिक लागत व संचालन खर्च को देखते हुए लाइट मेट्रो चलाने का फैसला लिया गय जिसे तकनीकी भाषा में लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम कहा जाता है। यूरोप में इस समय पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए सबसे 'यादा इन्हीं का इस्तेमाल हो रहा है। इसमें एक इंजन के साथ तीन से चार बोगियां लगती हैं। इसे छोटे रूट पर चलाया जाता है। इसकी बोगियां भी मेट्रो की तुलना में चौड़ाई में कम होती है। लिहाजा इनका वजन कम होता है और इसमें यात्रा मेट्रो की तुलना में अधिक आरामदायक होती है।

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