Jammu Kashmir: स्कूलों ने मांगी ट्रांसपोर्ट फीस, फीस निर्धारण कमेटी ने स्कूलों से मांगा 30 मई तक गाड़ियों और ड्राइवरों-कंडक्टरों का ब्याैरा

लॉकडाउन के बीच बंद हुए स्कूलों के प्रतिनिधियों के 50 प्रतिशत फीस की इजाजत मांगे जाने पर फीस निर्धारण कमेटी ने स्कूलों से उनकी गाड़ियों और लॉकडाउन में भी नियुक्त गाड़ियों के ड्राइवराें कंडक्टरों का ब्यौरा मांगा है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 07:40 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 07:40 PM (IST)
Jammu Kashmir: स्कूलों ने मांगी ट्रांसपोर्ट फीस, फीस निर्धारण कमेटी ने स्कूलों से मांगा 30 मई तक गाड़ियों और ड्राइवरों-कंडक्टरों का ब्याैरा
प्रतिनिधिमंडल ने लॉकडाउन के बीच 50 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट फीस लेने की इजाजत कमेटी से मांगी थी।

जम्मू, जागरण संवाददाता । लॉकडाउन के बीच बंद हुए स्कूलों के प्रतिनिधियों के 50 प्रतिशत फीस की इजाजत मांगे जाने पर फीस निर्धारण कमेटी ने स्कूलों से उनकी गाड़ियों और लॉकडाउन में भी नियुक्त गाड़ियों के ड्राइवराें, कंडक्टरों का ब्यौरा मांगा है। ड्राइवरों, कंडक्टरों के ब्यौरे के साथ उनसे संपर्क का ब्यौरा भी स्कूलों से मांगा गया है ताकि कमेटी उनसे जरूरत पड़ने पर संपर्क कर सके।

जम्मू कश्मीर एजूकेशन चैंबर का एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के हैदरपुरा स्थित फीस निर्धारण कमेटी के चेयरमैन से मिला था और प्रतिनिधिमंडल ने लॉकडाउन के बीच 50 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट फीस लेने की इजाजत कमेटी से मांगी थी। स्कूलों ने ट्रांसपोर्ट फीस लेने के अपने तर्क दिए थे जिसमें उन्होंने ड्राइवरों, कंडक्टरों का वेतन, गाड़ियों का इंश्योरेंस, बैंकों की किश्त आदि दिए जाने की बात कही थी।

वहीं कमेटी की ओर से स्कूलों से मार्च महीने में यह ब्यौरा देने को कहा गया था जो अभी तक किसी स्कूल की ओर से जमा नहीं करवाया गया। अब फीस निर्धारण कमेटी ने स्कूलों से 30 मई तक का समय ब्यौरा जमा करवाने का दिया है। कमेटी ने स्कूलों से उनकी गाड़ियों की संख्या, गाड़ियों की इंश्योरेंस, टैक्स, बैंक की डिटेल, गाड़ियों की आरसी, स्कूलों से ट्रांसपोर्ट की सुविधा ले रहे बच्चों की संख्या, बैंक स्टेटमेंट आदि भी मांगी है। कमेटी के प्रशासनिक सचिव नजीर उल हुसैन का कहना है कि कमेटी इस मामले को सुलझाना चाहती है लेकिन स्कूलों से ब्यौरा नहीं मिल रहा है। अगर 30 मई तक स्कूलों का ब्यौरा नहीं मिलता तो यह मान लिया जाएगा कि स्कूल मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं।

chat bot
आपका साथी