Jammu Kashmir: सतपाल मलिक ही हो सकते हैं जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर

लद्दाख के लेफ्टिनेंट गर्वनर को 31 अक्टूबर सुबह लेह में शपथ दिलाई जाएगी जबकि जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर को दोपहर में श्रीनगर में शपथ दिलायी जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 02:13 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 02:13 PM (IST)
Jammu Kashmir: सतपाल मलिक ही हो सकते हैं जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर
Jammu Kashmir: सतपाल मलिक ही हो सकते हैं जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन की प्रक्रिया जारी है और 31 अक्टूबर का दिन नजदीक आ रहा है। बावजूद इसके केंद्र शासित राज्य जम्मू कश्मीर व लद्दाख के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर (उप राज्यपाल) को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार राज्यपाल सत्यपाल मलिक को ही दोनों नए केंद्र शासित राज्यों जम्मू कश्मीर व लद्दाख का लेफ्टिनेंट गर्वनर बनाए रखने की पक्षधर है। अलबत्ता, मलिक ने अभी तक अपनी सहमति नहीं दी है। अगर सब सही रहता है तो वह 31 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर व लद्दाख के पहले उप राज्यपाल के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे।

सूत्रों के अनुसार दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल का शपथ ग्रहण समारोह अलग-अलग होगा। लद्दाख के लेफ्टिनेंट गर्वनर को 31 अक्टूबर सुबह लेह में शपथ दिलाई जाएगी जबकि जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर को दोपहर में श्रीनगर में शपथ दिलायी जाएगी। अगर मलिक दोनों केंद्र शासित राज्यों की कमान संभालने को सहमत होते हैं तो वह पहले लेह फिर श्रीनगर में शपथ ग्रहण करेंगे।

हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश दिलाएंगी शपथ

उप राज्यपाल को भारतीय संविधान के प्रावधान के तहत ही जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ही पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्रियों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और हाई कोर्ट के जज भी मौजूद रहेंगे।

बाद में चीफ जस्टिस को शपथ दिलाएंगे उप राज्यपाल

31 अक्टूबर को ही लेफ्टिनेंट गवर्नर संविधान के मुताबिक हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को शपथ दिलाएंगे। मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल उसके बाद हाई कोर्ट के सभी न्यायाधीशों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी।

सलाहकारों पर भी नहीं हुआ अभी निर्णय

राज्यपाल के मौजूदा पांच सलाहकारों की सेवाओं को बहाल रखने या समाप्त करने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। अंतिम फैसला सत्यपाल मलिक के साथ विचारके बाद होगा। 

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