Samba Grenade Attack: आंतकी संगठनों ने OGWs का विश्वास जीतने के लिए करवाया नड में हमला
Samba Grenade Attack पाकिस्तान को डर है कि कहीं फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ उसे डार्क ग्रे लिस्ट में न डाल दे। अगर पाकिस्तान डार्क ग्रे लिस्ट में आ जाता है तो विश्व बैंक अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष आइएमएफ और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद हासिल करना मुश्किल हो जाएगा।
जम्मू, अवधेश चौहान: अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 20 किलोमीटर दूर मानसर-ऊधमपुर बाईपास रोड पर स्थित नड में पुलिस नाके पर हथगोला से किया गया हमला सीमा पार बैठे आंतकी संगठनों का यहां ओवरग्राउंड वर्करों को दी गई टास्किंग का नतीजा है। आतंकी संगठन ऐसे हमले का टास्क ओजीडब्ल्यू को देते हैं। अगर ओजीडब्ल्यू टास्क पूरा करने में सफल हो जाते हैं, तो आतंकी संगठनों का विश्वास ओजीडब्ल्यू पर बढ़ जाता है।फिर उन्हें बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का कार्य सौंपा जाता है।
बीते मंगलवार देर रात को नड में पुलिस नाके को निशाना बना कर फेंके गए हथगोले विस्फोट को भी आतंकी संगठनाें की टास्किंग से जोड़ कर देखा गया है।ओजीडब्ल्यू ने जम्मू संभाग में टास्किंग को पूरा कर आंतकियों के विश्वास को जीता है।इससे आने वाले कुछ महीनों में आतंकी इन ओजीडब्ल्यू की मदद से जम्मू संभाग में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दे सकते हैं। फिलहाल आंतकी संगठनों को आइएसआई की हिदायत है कि आंतकी संगठन जैश और लश्कर जम्मू-कश्मीर में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दे।
इस समय पाकिस्तान को डर है कि कहीं फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ उसे डार्क ग्रे लिस्ट में न डाल दे।अगर पाकिस्तान डार्क ग्रे लिस्ट में आ जाता है तो विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष आइएमएफ और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। एफएटीएफ आतंकियों को ''पालने-पोसने'' के लिए पैसा मुहैया कराने वालों पर नजर रखने वाली संंस्था है। आतंकियों की पनाहगाह बने पाकिस्तान को करारा झटका लगा है।
एफएटीएफ ने पाया है कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग पर अंकुश लगाने में विफल साबित हुआ है।इसलिए आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर में ओवर ग्राउंड वर्करों काे टास्किंग दे कर उनक विश्वास जीतने में लगे है। स्थानीय आतंकी संगठन टेररिस्ट रेजिस्टेंस फोर्स जो लश्कर का ही हिस्सा है, ने हमले की जिम्मेवारी लेकर दावा किया है मंगलवार को दक्षिण कश्मीर में मारे गए 3 आतंकियों को मार गिराए जाने का यह बदला है।
13 साल पहले आज के दिन हुआ था सांबा में आंतकी हमला
ऐसा भी माना जा रहा है कि 11 मई, वर्ष 2008 को ही सीमा पार से आए आतंकियों ने सांबा में हमला कर स्थानीय अखबार के एक छायाकार की हत्या कर दी थी, जबकि हमले में 2 जवान शहीद हुए थे । 24 घंटे से भी अधिक समय तक चली मुठभेड़ में 3 आतंकी मारे गए थे। बीते मंगलवार को नड में हुए हमले को भी 13 वर्ष पहले हुए हमले से जोड़ कर देखा जा रहा है कि शायद आतंकियों ने इस दिन अपनी मौजूदगी दर्शाने की कोशिश की।