Shraddha ka Sawan : रुद्राभिषेक महादेव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है
देवी और देवता भी शिव कृपा के लिए शिव-शक्ति के ज्योति स्वरूप का रुद्राभिषेक करते हैं। सावन के महीने को शिव आराधना के लिए ऐसा महीना है जिसमें छह ऋतुओं का समावेश होता है। शिवधाम पर इसका महत्व सबसे अधिक होता है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : भगवान शिव को प्रसन्न करने का सर्वोच्च उपाय रुद्राभिषेक है। देवी और देवता भी शिव कृपा के लिए शिव-शक्ति के ज्योति स्वरूप का रुद्राभिषेक करते हैं। सावन के महीने को शिव आराधना के लिए ऐसा महीना है, जिसमें छह ऋतुओं का समावेश होता है। शिवधाम पर इसका महत्व सबसे अधिक होता है। रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है। प्रतिदिन, श्रावण मास या महाशिवरात्रि के दिन यदि रुद्राभिषेक किया जाए तो इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है।
पंडित सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। रुद्राभिषेक ग्रह से संबंधित दोषों और रोगों से भी छुटकारा दिलाता है। हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दुखों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं। साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का आशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
एक कथा के मुताबिक एक बार भगवान शिव सपरिवार वृषभ पर बैठकर विहार कर रहे थे। उसी समय माता पार्वती ने मृत्युलोक में रुद्राभिषेक कर्म में प्रवृत्त लोगों को देखा तो भगवान शिव से जिज्ञासावश पूछा कि हे नाथ! मृत्युलोक में इस इस तरह आपकी पूजा क्यों की जाती है। इसका फल क्या है। भगवान शिव ने कहा जो मनुष्य शीघ्र ही अपनी कामना पूर्ण करना चाहता है। वह आशुतोषस्वरूप मेरा विविध द्रव्यों से विविध फल की प्राप्ति हेतु अभिषेक करता है। जो व्यक्ति जिस कामना की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक करता है।
वह उसी प्रकार के द्रव्यों का प्रयोग करता है अर्थात यदि कोई वाहन प्राप्त करने की इच्छा से रुद्राभिषेक करता है तो उसे दही से अभिषेक करना चाहिए यदि कोई रोग दुःख से छुटकारा पाना चाहता है तो उसे कुशा के जल से अभिषेक करना चाहिए। रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं। इनका अभिषेक करने से सभी ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है। शिव जी को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ तरीका है रुद्राभिषेक करना अथवा श्रेष्ठ ब्राह्मण विद्वानों के द्वारा कराना।