Jammu Kashmir: जनजातीय वन धन योजना को लागू करने का रोडमैप तैयार, जनजातीय स्वयं सहायता समूह बनाए जाएंगे

जम्मू कश्मीर जनजातीय मामले विभाग ने ट्राइबल कापोरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राइफेड) और जिला प्रशासन के साथ मिलकर जनजातीय सहकारिकता समर्थन योजना की औपचारिकताओं को भी अंतिम रुप दे दिया है।केंद्र ने जम्मू कश्मीर में जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए इस योजना को पहली बार लागू किया।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 07:11 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 07:11 AM (IST)
Jammu Kashmir: जनजातीय वन धन योजना को लागू करने का रोडमैप तैयार, जनजातीय स्वयं सहायता समूह बनाए जाएंगे
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए इस योजना को पहली बार लागू किया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो़ : जम्मू कश्मीर मेें प्रधानमंत्री की वन धन योजना को कार्यान्वित करने का रोडमैप जनजातीय मामले विभाग ने तैयार कर लिया है। यह योजना तीन चरणों में लागू होगी। पहले चरण में पुंछ, राजौरी, रियासी, शोपियां और गांदरबल समेत पांच जिलों में लागू किया जाएगा। जम्मू कश्मीर जनजातीय मामले विभाग ने ट्राइबल कापोरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राइफेड) और जिला प्रशासन के साथ मिलकर जनजातीय सहकारिकता समर्थन योजना की औपचारिकताओं को भी अंतिम रुप दे दिया है। उल्लेखनीय है कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आग्रह पर केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए इस योजना को पहली बार लागू किया है।

प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत जनजातीय आबादी को विशेषकर महिलाओं को आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके तहत जनजातीय बहुल आबादी वाले इलाकों में जनजातीय स्वयं सहायता समूह (टीएसएचजी) तैयार किए जाएंगे। प्रत्येक स्वयं सहायता समूह में 20 सदस्य होंगे और 15 स्वयं सहायता समूहों पर आधारित एक कलस्टर बनाया जाएगा। प्रत्येक कलस्टर को शुरुआत में 15 लाख रुपये की मदद की जाएगी । इसके अलावा प्रत्येक कलस्टर को 20 लाख रुपये मूल्य की बुनियादी ढांचागत सुविधा भी प्रदान की जाएगी। जनजातीय समूहों में खानाबदोश वर्ग में भी स्वयं सहायता समूहों केगठन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

पहले चरण में यह योजना राजौरी, पुंछ, रियासी, गांदरबल और शोपियां में लागू की जाएगी। इन जिलों में जनजातीय समूहों के करीब 10 हजार युवाओं, महिलाओं और उद्यमियों को वित्तीय समर्थन,उत्पादों को तैयार करने, उत्पादों की पैकिंग-मार्केटिंग, संवर्धन संबंधी मदद प्रदान की जाएगी। दूसरे चरण में डोडा, किश्तवाड़, ऊधमपुर, रामबन, कठुआ, अनंतनाग, पुलवामा, बांडीपोरा, कुलगाम और कुपवाड़ा को इस योजना के दायरे में लाया जाएगा जबकि तीसरे चरण मेें शेष पांच जिलों में इसे लागू किया जाएगा।

जनजातीय माले विभाग के सचिव डा शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया लघु वन उत्पादों के लिए ट्राइफेड न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर रही है। इसके अलावार जम्मू,श्रीनगर और प्रत्येक जिला मुख्यालय में ट्राइफेड के बिक्री केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा देशभर में जहां भी ट्राइफेड के बिक्री केंद्र है, जम्मू कश्मीर में जनजातीय सहकारी स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्रदर्शित भी किया जाएगा।  

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